Bangladesh Protests : बांग्लादेश में राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान को याद करना लोगों को महंगा पड़ गया है. उनके ऊपर हमला किया गया, लाठी और डंडों से उन्हें पीटा गया. दरअसल, बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि जा रहे लोगों पर हमला किया गया. इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री रोकेया प्राची भी शामिल थीं. उन्होंने भी बंगबंधु के आवास के पास एक प्रदर्शन में भाग लिया था. सभी ने कैंडल मार्च निकालकर हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की थी, लेकिन बुधवार शाम करीब साढ़े 7 बजे उन पर ही हमला हो गया. खबरों की मानें तो सैकड़ों लोग बुधवार रात बंगबंधु भवन के सामने मोमबत्तियां जलाकर शेख मुजीब के सम्मान में इकट्ठा हुए थे. 15 अगस्त 1975 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी, उन्हीं की याद में लोग इकट्ठा हुए थे. लोगों ने हाथ में मोमबत्ती लेकर नारे लगाए, लेकिन उनपर हमला हो गया.


लाठियों से किया गया हमला
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी आए और श्रद्धांजलि दे रहे लोगों पर लाठियों से हमला कर दिया. प्राची समेत वहां मौजूद लोगों को पीटा गया. हमलावर प्राची को जबरन घटनास्थल से हटाते दिखे. प्राची ने कहा था कि हम यहां इसलिए इकट्ठा हुए हैं, क्योंकि बांग्लादेश जल रहा है. बता दें कि बांग्लादेश में 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी. बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान को ढाका के धानमंडी में परिवार समेत 15 अगस्त 1975 को मार दिया गया था.


राष्ट्रीय शोक मनाने पर भी रोक
शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बाद अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश में 15 अगस्त की छुट्टी भी रद्द कर दी. इसको लेकर बांग्लादेश की नई सरकार और शेख हसीना आमने-सामने आ गई हैं. शेख हसीना ने बांग्लादेशियों से शोक दिवस मनाने को कहा है. 


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