Bangladesh Protests : बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसक झड़पों में अब तक 114 लोगों की मौत हो चुकी. वहीं, 4 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. अब सरकार ने पुलिस को उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का निर्देश दिया है. बांग्लादेश में जारी इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर नई-नई जानकारियां भी सामने आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि इस हिंसा को फैलाने में पाकिस्तान और आईएसआई का हाथ है.


बांग्लादेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को लेकर भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन शिंगला ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसमें पाकिस्तानी आईएसआई और दूसरे लोगों का हाथ है. शिंगला का कहना है कि पाकिस्तान के जो रेडिकल एलिमेंट्स हैं, वह लगातार इस तरह के हिंसक प्रदर्शन को बांग्लादेश में बढ़ावा देना चाहते हैं,  क्योंकि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वे बांग्लादेश को और ज्यादा कट्टरवाद की तरफ ले जा सकें. अब उन्हें मौका मिला है. यही वजह है कि इस तरह के प्रदर्शन को पाकिस्तानी आईएसआई की तरफ से सपोर्ट किया जा रहा है. 


इसलिए हो रहा हिंसक प्रदर्शन


बांग्लादेश में प्रदर्शन और हिंसा की वजह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है. आजादी के बाद 1972 से यहां स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाता है. प्रदर्शनकारियों का एक गुट चाहता है कि आजादी की लड़ाई में शामिल लोगों के वंशजों को सरकारी नौकरी में मिल रहे आरक्षण को जारी रखा जाए. जबकि दूसरा धड़ा इस आरक्षण को खत्म करना चाहता है.  


30 प्रतिशत को मिलता है आरक्षण


बांग्लादेश में  ऐसे लोगों के परिवार को  30 फीसदी आरक्षण मिलता है. जबकि महिलाओं को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है. 10 फीसदी का आरक्षण जिला कोटा के तहत पिछड़े जिलों में रहने वाले लोगों को दिया जाता है. जबकि धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. शेख हसीना सरकार ने 2018 में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया था. हालांकि, इस साल जून में कोर्ट ने इस फैसले को गलत कहा था. कोर्ट के फैसले के बाद देश में फिर से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी. इसी को लेकर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.


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