कनाडा विवाद के बीच भारत के पक्ष में खड़ा हुआ बांग्लादेश, बोला- वे नहीं करते ऐसी हरकतें
Bangladesh Supported India: बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के साथ उनके ठोस संबंध हैं और वे जानते हैं कि भारत ऐसी हरकतें (निज्जर हत्या के संदर्भ में) नहीं करेगा.
Bangladesh Foreign Minister Supported India: कनाडा के साथ भारत की तल्खी के बाद बांग्लादेश भारत के पक्ष में खड़ा हो गया है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के अब्दुल मोमेन ने कहा कि भारत पर उन्हें गर्व है और भारत कभी ओछी हरकत नहीं करता है.
समाचार एजेंसी एनएनआई से उन्होनें कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए आरोपों पर कहा, "ये बेहद दुखद है. हम इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है ताकि मैं इस मामले पर टिप्पणी कर सकूं, लेकिन हमें भारत पर गर्व है, वे ऐसी हरकत नहीं करते हैं. भारत के साथ हमारे बहुत ठोस संबंध हैं जो मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित हैं. यह एक दुखद प्रकरण है और मुझे उम्मीद है कि यह सौहार्दपूर्ण तरीके से समाप्त होगा."
#WATCH | On India-Canada row, Foreign Minister of Bangladesh Dr A.K. Abdul Momen says, " I think it is very sad, I don't know the details of it so I can't make any comment but...we are very proud of India because they don't do immature things, we have a very solid relationship… pic.twitter.com/jaeOZtJgc3
— ANI (@ANI) September 23, 2023
कनाडाई नेता ने भी लताड़ा
लिबरल पार्टी के नेता और सांसद चंद्र आर्या ने भी ट्रूडो को लताड़ा था. उन्होंने सवाल किए थे क्या कोई श्वेत वर्चस्ववादी किसी नस्लीय कनाडाई के किसी समूह पर हमला करता तो बच जाता? लेकिन खालिस्तानी नेता कनाडा में बच जाता है.
चंद्र आर्या ने एक वीडियो के जरिए कहा, कनाडा में एक बड़ा सिख वर्ग खालिस्तान आंदोलन का समर्थन नहीं करता है. ज्यादातर कनाडाई सिख कई वजहों से खालिस्तान आंदोलन की सार्वजनिक तौर से आलोचना नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे "पारिवारिक संबंधों और साझा सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों के जरिए से" कनाडाई हिंदू समुदाय के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं.
अमेरिकी अधिकारी ने लिया भारत का पक्ष
पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय) के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने कनाडा से पूछा कि जिसके हाथ खून से सने (खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर) थे, कनाडा उसका समर्थन क्यों कर रही है. माइकल रुबिन ने कहा कि अगर अमेरिका को कनाडा और भारत के बीच किसी को चुनना पड़े तो निश्चित तौर पर अमेरिका दूसरे (भारत) को चुनेगा.
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