Bangladesh Chief Justice Resigned: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने और अंतरिम सरकार बनने के बाद बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ये फैसला तब लिया है जब छात्रों के भारी प्रदर्शन के बाद उन्हें दोपहर 1 बजे तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया गया. 


ओबैदुल हसन के इस्तीफे को लेकर कानून और न्याय मंत्रालय के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा, हमें ओबैदुल हसन का इस्तीफा मिल गया है. इसे जल्द से जल्द राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा जाएगा. बांग्लादेशी अखबारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आने वाले समय में अपीलीय डिवीजन के पांच और जज इस्तीफा देने वाले हैं.


बांग्लादेश में भेदभाव विरोधी आंदोलन के संयोजक आसिफ महमूद ने मुख्य न्यायाधीश को फासीवाद का मित्र बताया और फुल कोर्ट मीटिंग रोकने और उनके इस्तीफे की मांग करने का अल्टीमेटम दिया था.


क्यों देना पड़ा इस्तीफा?


बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत कई जजों पर आरोप लगाए हैं कि वह शेख हसीना से मिले हुए हैं और उनके लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की ओर से सभी जजों की एक मीटिंग शनिवार को बुलाई गई थी और इसकी जानकारी अंतरिम सरकार को नहीं दी गई थी. इस मीटिंग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के जजों पर कई आरोप लगाए और उन्हें कुर्सी छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया.


कौन हैं ओबैदुल हसन?


ओबैदुल हसन बांग्लादेश के 24वें मुख्य न्यायाधीश हैं. 12 सितंबर 2023 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद सहाबुद्दीन ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था. हसन को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के वफादार के रूप में देखा जाता है. ओबैदुल हसन का जन्म जनवरी 1959 में नेट्रोकोना के मोहनगंज उपजिला के चयाशी गांव में हुआ था.


कानून की पढ़ाई करने के बाद एक वकील के रूप में बांग्लादेश बार काउंसिल का लाइसेंस हासिल करने के बाद ओबैदुल हसन 1986 में जिला बार समिति में शामिल हुए. इसके बाद 1988 में वे बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के हाईकोर्ट डिवीजन में एक वकील के तौर पर काम करना शुरु किया. 


साल 1996 से 2001 तक वे सहायक अटॉर्नी जनरल और डिप्टी अटॉर्नी जनरल के पद पर बने रहे. इसके बाद साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग में एक वकील के तौर पर काम करने लगे.  2009 में वह बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट में उच्च न्यायालय डिवीजन के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर शामिल हुए और 2011 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया. 


इसके बाद हसन अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण-द्वितीय में शामिल हो गए, जिसका गठन 2012 में मुक्ति संग्राम के दौरान आयोजित मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था. इसी साल वह इसके अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए गए.


सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीश बने. उन्होंने बांग्लादेश चुनाव आयोग के गठन के लिए जांच समिति, 2022 के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया था.


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