Bangladesh Violence : बांग्लादेश हिंसा के एक महीने पूरे, जानें पिछले 30 दिनों में क्या बदला, अचानक BSF और BGB ने बॉर्डर पर क्यों बुलाई मीटिंग?
Bangladesh Violence : अब वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का शासन है. तख्तापलट के एक महीने बाद बॉर्डर पर भी तनाव की स्थिति है
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Bangladesh Violence : बांग्लादेश में पिछले महीने ही पांच अगस्त को सियासी तख्तापलट हुआ था. शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. अब वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का शासन है. तख्तापलट के एक महीने बाद बॉर्डर पर भी तनाव की स्थिति है. कई बांग्लादेशी भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. इसके लेकर 5 सितंबर को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच एक मीटिंग हुई. इसका मुख्य उद्देश्य सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने पर था. इस मीटिंग में बीएसएफ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मनोज कुमार बरनवाल डीआईजी ने किया, जबकि मोहम्मद सैफुल इस्लाम चौधरी ने बीजीबी प्रतिनिधियों का नेतृत्व किया. मीटिंग के दौरान सीमा प्रबंधन योजना और संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों कमांडरों ने सुरक्षित और शांतिपूर्ण सीमा वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई.
बांग्लादेश में एक महीने में बहुत कुछ बदल गया
पिछले कई महीनों से आरक्षण को लेकर हुई हिंसा के बाद बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिर गई. विद्रोह के कारण उन्हें ढाका छोड़कर भागना पड़ा. अभी शेख हसीना भारत में शरण ली हैं. पिछले एक महीने में बांग्लादेश में भी काफी कुछ बदल गया. शेख हसीना के जाने के बाद वहां नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ 33 केस दर्ज हुए हैं. अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं. वहां, हिंदुओं को भी लगातार निशाना बनाया जा रहा है.
नई सरकार ने शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ हुई डील को लेकर भी सवाल उठाए हैं. नई सरकार का कहना है कि अगर ये सभी डील बांग्लादेश के अनुकूल रहीं तो इन पर फिर से विचार किया जा सकता है. तीस्ता नदी को लेकर भी विवाद बढ़ता जा रहा है. बांग्लादेश से हिंदू समुदाय के लोग भारत आने की गुहार लगा रहे हैं.
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