Chinmoy Krishna Das Bail Plea Hearing: बांग्लादेश में हिंसा झेल रहे हिंदुओं के लिए आज (3 दिसंबर 2024) का दिन काफी अहम है. आज इस्कॉन के पुजारी और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.


सुनवाई के दौरान अदालत तय करेगी कि चिन्मय दास को जमानत दी जाए या पुलिस हिरासत में रखा जाए. बता दें कि चिन्मय दास को पिछले हफ्ते कथित तौर पर बांग्लादेशी हिंदुओं पर बढ़ते हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते समय देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.


चटगांव की अदालत ने जमानत देने से किया था इनकार


इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास, जिन पर कई आरोप हैं, को गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के चटगांव में चटगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था. चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें जेल भेज दिया था, जिसके बाद से उनके समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.


इस्कॉन से जुड़े कई लोगों के बैंक अकाउंट हैं फ्रीज


चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त मोफिजुर रहमान के अनुसार, आज की सुनवाई मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम करेंगे. बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोते के प्रवक्ता चिन्मय दास पर मुख्य रूप से आरोप है कि इन्होंने चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था. इसी को लेकर 30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दास समेत 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर 2024 को अरेस्ट किया गया था. इसके बाद से बांग्लादेश सरकार लगातार एक्शन ले रही है. वहां की सरकार ने इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया था.


चिन्मय कृष्ण दास के वकील की हालत गंभीर


वहीं सुनवाई से पहले इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार को दावा किया कि बांग्लादेश में आध्यात्मिक नेता चिन्मय दास का बचाव करने वाले वकील रमन रॉय पर बर्बर हमला किया गया है और उनकी हालत बेहद गंभीर है. वह आईसीयू में भर्ती हैं. दास के अनुसार, कट्टरपंथियों ने रॉय के घर में घुसकर तोड़फोड़ की और उन पर हमला किया. उन्होंने कहा कि रॉय का एकमात्र कसूर था कि उन्होंने अदालत में चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया था.


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