Sedition Charge on Chinmay Das : चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का पूरा नाम चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी है. जो कि संतान जागरण मंच के प्रवक्ता और इस्कॉन के संत हैं. हाल ही में चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी राजद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के कारण राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गए हैं.
चिन्मय कृष्ण दास चटगांव में इस्कॉन की ओर से संचालित एक धार्मिक स्थल पुंडरिक धाम के प्रमुख भी हैं. जिन्हें ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के डिटेक्टिव ब्रांच ने सोमवार (25 नवंबर) को शाम साढ़े चार बजे हज़रत शाहजालाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद मंगलवार (26 नवंबर) को उन्हें चटगांव की अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया.
अदालत के आदेश का अनुयायियों ने किया विरोध
चटगांव की अदालत के फैसले के बाद चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के अनुयायियों ने अदालत परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी ने भारत समेत कई क्षेत्रों का ध्यान खींचा, जिसकी खूब आलोचना भी हुई.
उल्लेखनीय है कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर और 18 अन्य लोगों पर 25 अक्टूबर को चटगांव के न्यू मार्केट चौराहे पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर एक केसरिया ध्वज फहराने के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
चटगांव के पुलिस अधिकारी ने क्या किया?
चटगांव के पुलिस अधिकारी काजी मोहम्मद तारिक अजीज ने बताया कि यह मामला 30 अक्टूबर (बुधवार) की रात को कोतवाली पुलिस स्टेशन में मोहम्मद फिरोज खान की ओर से दर्ज कराया था. इस मामले में चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी (38 वर्ष), इस्कॉन के चटगांव प्रभाग के संगठन सचिव, अजय दत्ता (34 वर्ष), हिन्दू जागरण मंच के चटगांव विभाग के समन्वयक और लीला राज दास ब्रह्मचारी (48 वर्ष), चटगांव में प्रभातक इस्कॉन मंदिर के प्रधान सहित 15-20 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.
क्या था मामला जिसमें चिन्मय दास बनाए गए आरोपी
मामले में आरोप लगाया गया है कि ललदीघी मैदान में एक रैली के दौरान इस्कॉन से संबंधित एक धार्मिक ध्वज को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर फहराया गया, जिसे "अपमान" और "देश की संप्रभुता के प्रति अपमानजनक कृत्य" के रूप में प्रस्तुत किया गया. इसे "देश में अराजकता फैलाने के उद्देश्य से किए गए राष्ट्रद्रोही गतिविधियों" के रूप में देखा गया. इस घटना के बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे खूब आलोचना हुई और फिर उस झंडे को हटा दिया गया.
2016 से 2022 तक इस्कॉन चटगांव के सचिव के तौर पर रहे चिन्मय दास
इस्कॉन चटगांव के सूत्रों के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास चटगांव के सातकानिया उपजिला के रहने वाले हैं. जो कि अपने धार्मिक उपदेशों के लिए खूब प्रसिद्ध हैं और अपनी कम उम्र में ही धार्मिक प्रवचन देने और लोकप्रियता हासिल करने के कारण उन्हें 'शिशु वक्ता' का उपनाम भी दिया गया था. बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास 2016 से 2022 तक इस्कॉन के चटगांव के सचिव के रूप में सेवा दी थी. इसके अलावा वे 2007 से चटगांव के हाथाजारी के पुंडरिक धाम के प्रधान भी रहे हैं.
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