ISCKON के पुजारियों के बाद पत्रकारों पर बढ़े हमले! भीड़ बोली- 'ये कर रहे बांग्लादेश को भारत में मिलाने की साजिश'
Bangladeshi Journalist Mobbed in Dhaka: ढाका में वरिष्ठ पत्रकार मुन्नी साहा पर भीड़ ने हमला किया है. उनपर बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की साजिश का आरोप लगाया गया है.
Bangladeshi Journalist Mobbed in Dhaka: बांग्लादेश की वरिष्ठ पत्रकार मुन्नी साहा को ढाका में एक भीड़ ने घेर लिया और उन पर गलत सूचना फैलाने और "बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की कोशिश" करने का आरोप लगाया. इस दौरान मुन्नी साहा लगातार कहती रहीं, "यह भी मेरा देश है." आखिरकार पुलिस ने आकर उन्हें भीड़ से बचाया और हिरासत में ले लिया.
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुन्नी साहा एक छात्र की मौत से जुड़े मामले में वॉन्टेड थीं, जो आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुआ था. इन प्रदर्शनों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई थी. पुलिस ने बताया कि मुन्नी साहा को ढाका के कावारन बाजार इलाके से बचाया गया, जहां भीड़ ने उन्हें घेर लिया था.
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रेज़ाउल करीम मल्लिक ने "द डेली स्टार" को बताया, "लोगों ने उन्हें पुलिस के हवाले किया. उन्हें घबराहट का दौरा पड़ा था. उनकी सेहत और महिला पत्रकार होने के नाते उन्हें रिहा कर दिया गया है." पुलिस ने मुन्नी साहा को अदालत से जमानत लेने और आगे पुलिस की पूछताछ में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
वायरल वीडियो में दिखा तनावपूर्ण दृश्य
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मुन्नी साहा को भीड़ से घिरे हुए देखा जा सकता है. वीडियो में एक आवाज सुनाई देती है, जो उन्हें 2009 में बांग्लादेश राइफल्स विद्रोह से संबंधित गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाती है, जिसमें 57 लोग मारे गए थे. आरोप लगाते हुए कहा गया, "तुम इस देश को भारत का हिस्सा बनाने की हर संभव कोशिश कर रही हो. छात्रों के खून से तुम्हारे हाथ रंगे हुए हैं."
मुन्नी साहा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा, "मैंने इस देश को कैसे नुकसान पहुंचाया? यह भी मेरा देश है." मुन्नी साहा पहले एटीएन न्यूज़ की न्यूज़ हेड रह चुकी हैं. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद उन पर और कई अन्य पत्रकारों पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए गए थे.
अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पर बढ़ी चिंताएं
मुन्नी साहा के साथ हुई इस घटना के बीच बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. हाल ही में ढाका में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया गया, जो हिंदू समुदाय की कानूनी सुरक्षा और अल्पसंख्यक मामलों के लिए एक मंत्रालय की मांग कर रहे थे. इस्कॉन से जुड़े इस पुजारी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.
इस्कॉन ने कहा कि दो और साधु, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने दावा किया कि बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र को भी दंगाइयों ने निशाना बनाया.
भारत ने जताई अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार सत्ता में है. इस बीच, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा और उग्रवादी बयानबाजी पर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है.
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