Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी PML-N के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ के पाकिस्तान पहुंचने से पहले उनकी पार्टी ने उनके जमानत के लिए लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद पार्टी ने लाहौर हवाई अड्डे पर उनकी गिरफ्तारी से बचने के लिए यह फैसला लिया है.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पीएमएल-एन नवाज शरीफ की जमानत के लिए कब अदालत का दरवाजा खटखटाएगी. पाकिस्तान स्थित जियो न्यूज ने द न्यूज का हवाला देते हुए इस बात की पुष्टि की है.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न छापने की शर्त पर पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी की कानूनी टीम नवाज शरीफ के पाकिस्तान लौटने से एक सप्ताह पहले जमानत के लिए लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी ) से संपर्क करेगी. रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में लंदन में हुई बैठकों में नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाने के फैसले पर चर्चा की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, नवाज शरीफ के पाकिस्तान लौटने से ठीक दो दिन पहले कोर्ट में सुरक्षात्मक जमानत की अर्जी भी दाखिल की जा सकती है. जमानत याचिका में पार्टी अनुरोध करेगी कि पीएमएल-एन सुप्रीमो को सात दिनों तक गिरफ्तार न किया जाए.
मरियम नवाज हो चुकी हैं बरी
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन की कानूनी टीम याचिका में कह सकती है कि मरियम नवाज को उस मामले में पहले ही बरी कर दिया गया है, जिसमें नवाज शरीफ को दोषी ठहराया गया था. बता दें कि कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर और मरियम नवाज को मामले में बरी कर दिया गया था, ऐसे में पीएमएल-एन सुप्रीमो को राहत मिल सकती है.
सार्वजनिक सभा को भी संबोधित कर सकते हैं नवाज
पार्टी सूत्रों का मानना है कि अगर अदालत नवाज शरीफ की जमानत को मंजूरी दे देती है तो पीएमएल-एन सुप्रीमो पाकिस्तान पहुंचने के तुरंत बाद जेल नहीं जाएंगे और वह मीनार-ए-पाकिस्तान में आयोजित सार्वजनिक सभा को भी संबोधित कर सकेंगे. गौरतलब है कि नवाज शरीफ ब्रिटेन (UK) में 4 साल के स्व-निर्वासन के बाद इसे महीने (21 अक्टूबर) को पाकिस्तान लौटने वाले हैं. मालूम हो कि लाहौर हाईकोर्ट से 4 हफ्ते के लिए बेल दिए जाने के बाद नवाज नवंबर 2019 में चिकित्सा आधार पर देश से बाहर चले गये थे. तब से वह पाकिस्तान नहीं लौटे हैं.
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