UK News: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के स्टाफ ने पिछले साल मई में कोविड-19 प्रतिबंधों को तोड़ते हुए पार्टी का आयोजन किया था, जिसे लेकर ब्रिटेन की राजनीति में भूचाल आ गया है. यह पार्टी प्रिंस फिलिप (Prince Philip) के अंतिम संस्कार की पूर्व संध्या पर की गई थी. खुद महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) ने कोविड प्रतिबंधों का पालन करते हुए प्रिंस के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था. उस दौरान ब्रिटेन में राष्ट्रीय शोक था, इसके बावजूद यह पार्टी आयोजित करने के लिए ब्रिटेन सरकार ने शुक्रवार को महारानी से माफी मांगी. तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर पीएम का इस्तीफा मांग रहे हैं. 


ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, "यह बहुत खेदजनक है कि यह सब राष्ट्रीय शोक के दौरान हुआ. सरकार ने महारानी से माफी मांगी है." कोरोना की वजह से प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार के दौरान केवल 30 लोग ही इसमें हिस्सा ले सके थे. महारानी को प्रतिबंधों की वजह से चर्च के एक कमरे में अकेले बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा था. वहां मौजूद सभी लोगों ने नियमों का सख्ती से पालन भी किया था. यही वजह है कि पीएम के स्टाफ का यह मामला सामने आने के बाद विवाद की बड़ी वजह बन रहा है. 


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पिछले दिनों प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी संसद में इस मुद्दे पर माफी मांगी थी, जिसके बाद सियासत तेज हो गई है और विपक्षी दल प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी कि डिप्टी लीडर एंजेला रेनर ने कहा कि, "उस दौरान महारानी दुख की घड़ी में अकेली बैठी थीं और देश के तमाम लोगों ने व्यक्तिगत क्षति के बावजूद राष्ट्रीय हित में नियमों को बनाए रखा." रैना ने कहा कि उनके पास प्रधानमंत्री और स्टाफ द्वारा किए गए इस व्यवहार के लिए शब्द नहीं हैं. 


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ब्रिटिश पीएम पर इस वक्त इस्तीफे का भारी दबाव है. वे इस मामले पर चारों तरफ से घिर चुके हैं. इसके अलावा लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस इस मुद्दे पर सरकार की आंतरिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. उसके बाद ही पुलिस जांच शुरू करने पर फैसला करेगी. गौरतलब है कि कोरोना की वजह से पिछले साल ब्रिटेन ने सख्त पाबंदियां लागू की थीं. लंबे समय तक लोगों को लॉकडाउन की वजह से घरों में कैद रहना पड़ा था.