अविश्वास प्रस्ताव से पहले PM इमरान खान का विपक्ष पर वार, बोले- एक होता है लोटा और एक होता है जमीरफरोश...
इमरान खान ने विपक्ष पर उनकी पार्टी के सांसदों को खरीदने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ बड़े-बड़े डाकू इकट्ठे हो गए हैं और दूसरी तरफ वो हैं जिसने 25 साल इन डाकुओं के खिलाफ जद्दोजहद की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खैबर पख्तूनख्वा के दरगई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. पीएम इमरान ने विपक्षी दलों पर उनकी पार्टी के सांसदों को खरीदने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ बड़े-बड़े डाकू इकट्ठे हो गए हैं और दूसरी तरफ वो हैं जिसने 25 साल इन डाकुओं के खिलाफ जद्दोजहद की है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे सामने दो रास्ते हैं. एक तरफ पाकिस्तान के बड़े-बड़े डाकू इकट्ठे हो गए हैं और दूसरी तरफ वो है जिसने 25 साल इन डाकुओं के खिलाफ जद्दोजहद की है. मुल्क के पास फैसला करने का वक्त आ गया है. यह डाकू, चोरी के पैसे से हमारे सांसदों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.”
इमरान खान ने कहा, “एक होता है लोटा और एक होता है जमीरफरोश. लोटा जिधर मन होता है उधर चला जाता है लेकिन जो जमीरफरोश होता है वो पैसे लेकर अपना, अपने मुल्क और दीन का सौदा करता है.”
पाकिस्तान में राजनीतिक हालात बिगड़े
पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति 8 मार्च के बाद खराब हो गई है जब विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया था. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. अविश्वास प्रस्ताव के लिए नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है.
इमरान की पार्टी के सांसदों ने अपनाए बागी तेवर
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से से पहले सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के करीब दो दर्जन सांसदों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं. हालांकि, इमरान खान नीत सरकार ने विपक्षी दलों पर सांसदों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. पीटीआई ने शनिवार को अपने असंतुष्ट सांसदों को कथित दलबदल को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया. साथ ही उनसे 26 मार्च तक स्पष्टीकरण देने का कहा गया कि क्यों नहीं उन्हें दल-बदलु घोषित किया जाए और नेशनल असेंबली की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाए.
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