बेरूत: लेबनान के बेरूत शहर में हुए भीषण बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 113 हो गई है. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री हमाद हसन ने इस बात की जानकारी दी. कहा जा रहा है कि इस घटना में करीब 4000 लोग घायल हुए हैं. वहीं न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, लेबनान की कैबिनेट ने ब्लास्ट को लेकर अधिकारियों के हाउस अरेस्ट की मांग की है इस वजह से वहां दो सप्ताह इमरजेंसी जैसे हालात हैं.


जानकारी के मुताबिक, यह विस्फोट मंगलवार शाम (लगभग 6.10 बजे स्थानीय समय) को हुए. ये धमाके इतने शक्तिशाली थे कि पूरे शहर की इमारतें थर्रा गईं, जिसके कारण इंसानी जीवन और संपत्ति को इतना बड़ा नुकसान हुआ.


राष्ट्रपति मिशेल एउन ने बताया उर्वरकों और बमों में इस्तेमाल किए गए 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट को बिना सुरक्षा उपायों के बंदरगाह पर छह साल तक संग्रहित किया गया था. उन्होंने कहा कि यह "अस्वीकार्य" था.


अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि विस्फोट के पीछे क्या कारण था. हालांकि एक सुरक्षा सूत्र और मीडिया ने कहा कि यह गोदाम में एक छेद पर वेल्डिंग किए जाने के कारण हुआ.


बेरूत के मेयर जमाल इटानी ने बुधवार को नुकसान का निरीक्षण करते हुए मीडिया से कहा, "यह युद्ध क्षेत्र की तरह है. मैं नि:शब्द हूं. यह बेरूत और लेबनान के लिए एक तबाही है."


विस्फोट से हुए नुकसान को लेकर इस क्षेत्र के कई देशों ने लेबनान के साथ सहानुभूति जताई है. कोविड-19 महामारी और उसके कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान के लिए ये विस्फोट एक और बड़ा झटका हैं.


ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने मंगलवार को कहा कि वह लेबनान को मदद देने के लिए तैयार है. जरीफ ने ट्वीट किया, "हमारी प्रार्थनाएं लेबनान के लोगों के साथ हैं. हमेशा की तरह ईरान हर आवश्यक सहायता देने के लिए पूरी तरह से तैयार है."


इसके अलावा तुर्की, मिस्त्र और फिलीस्तीन ने भी इस विस्फोट में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवदेनाएं जताईं हैं. साथ ही लेबनान के साथ एकजुटता दिखाते हुए मदद का भरोसा दिलाया है.