Belarus court Jail Noble Winner:  बेलारूस के एक कोर्ट ने शुक्रवार (3 मार्च) को 2022 के नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel winner) एलेस बालियात्स्की (Ales Bialiatski) को 10 साल की जेल की सजा सुनाई. इस बात की जानकारी उनके अधिकार समूह वियासना ने ट्वीट करके दी.


लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और वियासना (Viasna) मानवाधिकार केंद्र के तीन अन्य सदस्यों को धन की तस्करी और देश में विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों को फाइनेंस करने का दोषी ठहराया गया था.


एलेस बालियात्स्की सहित अन्य को सजा


राइट्स सेंटर ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता एलेस बालियात्स्की को 10 साल की सजा मिली, वहीं वियासना समूह के डिप्टी चेयरमैन वैलेंटसिन स्टेफनोविच को नौ साल की सजा मिली है. वियासना ने कहा कि अभियान के कॉर्डिनेटर उलादज़िमिर लबकोविक्ज़ को सात साल की सजा दी गई थी, जबकि मानवाधिकार रक्षक ज़मित्री सलौउउ को आठ साल की सजा सुनाई गई थी.


विपक्षी नेता ने फैसले की आलोचना की


बेलारूस के निर्वासित विपक्षी नेता स्वेतलाना सिखानसकाया (Tsikhanouskaya) ने नोबेल पुरस्कार विजेता एलेस बालियात्स्की को सजा देने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि 60 वर्षीय बालियात्स्की और उनके सह-प्रतिवादियों को फर्जी मुकदमे में सजा सुनाई गई थी. उन्होंने कहा कि हमें इस शर्मनाक अन्याय के खिलाफ लड़ने और उन्हें मुक्त करने के लिए सब कुछ करना चाहिए.


जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि जेल की सजा अपमान है और नागरिक अधिकारों के खिलाफ बेलारूस की हिंसा का एक उदाहरण है. बेयरबॉक ने कार्यवाही को एक तमाशा के रूप में करार दिया. डिफेंड करने वालो को केवल बेलारूस के लोगों के अधिकारों सम्मान और स्वतंत्रता के लिए सालों से चली आ रही लड़ाई के लिए दंडित किया जा रहा था.






मानवाधिकारों कार्यो के लिए नोबेल


अधिकार समूहों के अनुसार बेलारूस में लगभग 1,500 लोग राजनीतिक कारणों से जेल में हैं. 2020 के विरोध प्रदर्शनों के दमन के बाद से सलाखों के पीछे से कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो मजबूत नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको को अपने विरोधियों और वेस्ट देशों से धोखाधड़ी के आरोपों के बीच खुद को राष्ट्रपति घोषित करने के बाद भड़क उठे थे.


बालियात्स्की को मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर उनके काम के लिए अक्टूबर में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने इसे रूसी अधिकार समूह मेमोरियल और यूक्रेन के सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज के साथ शेयर किया.


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