Pakistan-Belarus: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बीते दिन सोमवार (25 नवंबर) को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का आगमन हुआ है. वो यहां तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे हैं. जहां उनका स्वागत खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने किया. इसके लिए वो प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सीधे रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पहुंच गए. यूरोप का 'तानाशाह' कहे जाने वाले लुकाशेंको के स्वागत के लिए पीएम शहबाज के साथ उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार, सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार और गृह मंत्री मोहसिन नकवी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे. 


बेलारूस के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर केंद्रित है. यह दौरा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बेलारूस के राष्ट्रपति के बीच होने वाली वार्ता में कई सारी चीजें शामिल है. इसके अलावा इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है, जो पाकिस्तान और बेलारूस के द्विपक्षीय सहयोग को मदद पहुंचाएगी.






जानें किन बातों पर होगी चर्चा
व्यापार और निवेश: आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
ऊर्जा और परिवहन: ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग और परिवहन नेटवर्क को विकसित करने के लिए संभावित समझौते.
संयुक्त उद्यम: दोनों देशों के बीच रक्षा, प्राकृतिक संसाधन और सैन्य उद्योग में साझेदारी के अवसर.
 
उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का आगमन
बेलारूस से 68 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की पूरी टीम पाकिस्तान पहुंची है,  जिसमें उनके विभिन्न मंत्री और व्यावसायिक क्षेत्र की 43 प्रमुख हस्तियां शामिल हैं. वो पहले ही पाकिस्तान पहुंच चुका है. प्रतिनिधिमंडल का यह स्तर दिखाता है कि बेलारूस और पाकिस्तान के बीच सहयोग के व्यापक अवसर मौजूद हैं.


इस्लामाबाद में सुरक्षा और PTI का विरोध
बेलारूस के राष्ट्रपति के दौरे के समय पाकिस्तान में एक राजनीतिक तनाव का माहौल है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई के विरोध प्रदर्शन ने इस्लामाबाद के रेड ज़ोन को सील करने के लिए मजबूर कर दिया.


गृह मंत्री नकवी का बयान
गृहमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि राजधानी की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने PTI पर बेलारूस के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान "नकारात्मकता" फैलाने का आरोप लगाया और इसे राष्ट्रीय प्रगति में बाधा बताया.


पाकिस्तान-बेलारूस संबंध
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं, और यह दौरा इन संबंधों को नए स्तर पर ले जा सकता है.
राजनीतिक सहयोग: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परस्पर समर्थन.
व्यापारिक विकास: पाकिस्तान के उद्योग और बेलारूस के तकनीकी क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं.
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में साझेदारी.


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