पुतिन के करीबी ने जम्मू कश्मीर पर दे दिया ऐसा बयान, भारत को नहीं आएगा पसंद
Aleksandr Lukashenko: बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का हाल ही में पाकिस्तान दौरा भारत के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आया है. इस दौरान उन्होंने कश्मीर पर बयान देकर नया राजनीतिक मोड़ लिया.
Belarus President Lukashenko Pakistan Visit: हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचे जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है. लुकाशेंको जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी माने जाते हैं उनके इस कदम को भारत के लिए एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि बेलारूस के अधिकांश विदेश नीति फैसले पुतिन की सहमति से लिए जाते हैं जिससे लुकाशेंको का पाकिस्तान दौरा और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है.
इस दौरे के दौरान लुकाशेंको ने पाकिस्तान के नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया. बेलारूस और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर चर्चा हुई. हालांकि इस दौरे का सबसे बड़ा विवादित पहलू था लुकाशेंको का जम्मू-कश्मीर पर बयान देना जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत माना गया.
लुकाशेंको का जम्मू-कश्मीर पर बयान
बेलारूस के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान में बैठकर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र की स्थिति की पूरी जानकारी है और ये क्षेत्र लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का कारण बना हुआ है. लुकाशेंको ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच किसी भी तरह के संघर्ष को बढ़ने नहीं देना चाहते और इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए. ये बयान खासतौर पर उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है जब अधिकांश देशों के नेता जम्मू-कश्मीर पर कोई टिप्पणी करने से बचते हैं खासकर जब बात रूस के राष्ट्रपति पुतिन की हो.
भारत की प्रतिक्रिया पर उठते सवाल
भारत हमेशा ये कहता आया है कि जम्मू-कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और इस पर किसी भी देश की राय या टिप्पणी की उसे जरूरत नहीं है. भारत ने हमेशा इस मुद्दे पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को अस्वीकार किया है. ऐसे में जब लुकाशेंको ने पाकिस्तान में बैठकर इस मुद्दे पर बयान दिया तो भारत के लिए ये एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है. हालांकि अब तक भारत की तरफ से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस पर कैसे प्रतिक्रिया देता है.
पुतिन और लुकाशेंको की समीकरण पर सवाल
रूस और भारत के बीच लंबे समय से मजबूत संबंध रहे हैं और रूस ने हमेशा जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत के पक्ष में खड़ा होकर समर्थन दिया है, लेकिन लुकाशेंको का ये कदम यह सवाल खड़ा करता है कि क्या रूस और बेलारूस के रिश्तों का असर भारत के साथ उसकी साझेदारी पर पड़ेगा. रूस का सामरिक समर्थन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है और ऐसे में बेलारूस के राष्ट्रपति का पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा होना भारत के लिए एक नया राजनीतिक सिरदर्द बन सकता है.
भारत के लिए यह समय एक नई रणनीति की आवश्यकता की ओर संकेत करता है. भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने सामरिक और आर्थिक हितों की रक्षा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखे. साथ ही भारत को पाकिस्तान और बेलारूस जैसे देशों की ओर से उठाए गए ऐसे मुद्दों पर अपनी नीति को स्पष्ट और दृढ़ रखना होगा.
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