तेल अवीव: इजरायल में सबसे लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू के लिए इस बार का चुवान टेढ़ा नजर आ रहा है. इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू बुधवार को आम चुनाव में सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत से दूर दिख रहे हैं. इससे यह संदेह पैदा हो गया है कि क्या वह सत्ता पर अपने एक दशक पुरानी पकड़ को बरकरार रख पाएंगे.


हारित्ज अखबार ने केंद्रीय चुनाव समिति के हवाले से कहा, "91 प्रतिशत मतगणना होने के बाद, नेतन्याहू की मध्य-दक्षिणी लिकुड पार्टी को 31 सीटें मिली हैं, जबकि इनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेन्नी गैंट्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी ने 32 सीटें हासिल कर ली है."


दोनों पक्ष दक्षिणपंथी समूह और मध्यमार्गी और वाम समूह 120 सदस्यीय संसद (नेसेट) में सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटों से दूर हैं.


अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के मद्देनजर इस नतीजे का मध्यपूर्व पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी नेतन्याहू अगर प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह फिलिस्तीन को लेकर अपने कठोर रुख को बरकरार रखेंगे. नेतन्याहू इजरायल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं. वह 10 वर्षो से इस पद पर काबिज हैं.


वहीं दूसरी तरफ, ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता बेन्नी गैंट्ज ने साफ-सुथरी सरकार और सामाजिक सौहार्द्र पर अपना चुनाव अभियान चलाया था. गैंट्ज देश के पूर्व 'आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ' रह चुके हैं. उन्होंने इजरायल की सुरक्षा को बरकरार रखते हुए फिलिस्तीन के साथ शांति को आगे बढ़ाने की बात कही है.