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Benjamin Netanyahu Speech: 'सभी के लिए प्रधानमंत्री बनूंगा', नई सरकार बनाने के न्यौते के बाद बोले बेंजामिन नेतन्याहू

Benjamin Netanyahu: बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि इस बार स्थिर सरकार होगी. पिछले चार सालों में यह पांचवां चुनाव था.

Israel New Government: इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग के रविवार (13 नवंबर) को नई सरकार बनाने के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किए जाने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने वादा किया कि वह ‘‘सभी लोगों के प्रधानमंत्री’’ होंगे. 

गत एक नवंबर को हुए चुनाव के कुछ दिन बाद राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेसेट (इजराइल की संसद) के 64 सदस्यों का समर्थन हासिल करने वाले नेतन्याहू को अगली सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पिछले चार वर्षों में देश में यह पांचवां चुनाव था. हर्जोग ने राष्ट्रपति निवास पर एक बैठक के दौरान नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.

भारत के लिए क्यों है फायदेमंद

इजराइल के सबसे लंबे समय तक सेवारत नेता रहे नेतन्याहू (73) देश के 74 साल के इतिहास में किसी भी अन्य प्रधानमंत्री से ज्यादा-पांच बार चुनाव जीतकर नेतृत्व कर चुके हैं. नेतन्याहू के पास सरकार बनाने के लिए 28 दिन का समय होगा. यदि समय बढ़ाने की जरूरत होती है, तो राष्ट्रपति के पास चौदह अतिरिक्त दिन तक का समय देने का कानूनी अधिकार है.

सत्ता में नेतन्याहू की वापसी से भारत-इजराइल के रणनीतिक संबंध और प्रगाढ़ होने की संभावना है. भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के पैरोकार, नेतन्याहू जनवरी 2018 में भारत की यात्रा करने वाले दूसरे इजराइली प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई 2017 में इजराइल की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा थी. दोनों नेताओं के बीच का जुड़ाव उस समय गहन चर्चा का विषय बन गया था.

आइजैक हर्जोग ने क्या कहा? 

राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने कहा कि वह नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे से ‘‘अनजान नहीं’’ हैं, लेकिन अदालत ने फैसला सुनाया था कि यह नेतन्याहू को जनादेश देने में बाधा नहीं है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इजराइल को ऐसी सरकार की आवश्यकता है जो भले ही उसकी संरचना में सभी विश्वदृष्टि और विधायिका के वर्गों को प्रतिबिंबित न करे, फिर भी सभी लोगों के बीच जुड़ाव और एकीकरण की प्रक्रिया का नेतृत्व करना जानती हो और एक जिम्मेदार, सतर्क, खुला, स्पष्ट, तथा सरकार की अन्य शाखाओं के साथ बढ़िया संवाद बनाए.’’

बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा?

राष्ट्रपति हर्जोग ने शुक्रवार (11 नवंबर) को घोषणा की थी कि वह नेतन्याहू को उन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ परामर्श के बाद एक नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे, जो एक नवंबर को हुए चुनाव में 25वीं नेसेट के लिए निर्वाचित हुए हैं. पिछले बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष से औपचारिक रूप से चुनाव परिणाम प्राप्त करने के तुरंत बाद इजराइल के राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी. नयी सरकार बनाने का जनादेश प्राप्त करने और अपने नेतृत्व में छठी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रहे नेतन्याहू ने कहा कि वह ‘‘बिना किसी अपवाद के इजराइल के सभी नागरिकों’’ के लिए प्रधानमंत्री होंगे.

'यह सच नहीं है'

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोगों ने चुनाव परिणामों का स्वागत किया है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने कड़ी टिप्पणियां की हैं और जनता को डरा रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब ऐसी बातें कही गई हैं. उन्होंने (लिकुड पार्टी के पहले नेता मेनाचेम) के बारे में यही शुरू किया था. उन्होंने मेरे बारे में भी कहा, यह तब भी सच नहीं था और आज भी यह सच नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी के लिए प्रधानमंत्री बनने का इरादा रखता हूं- उनके लिए जिन्होंने मुझे चुना है और उनके लिए भी जिन्होंने मुझे नहीं चुना है. यह दर्शाता है कि मैं किसमें विश्वास करता हूं और जो मेरे कार्यों का मार्गदर्शन करता है.’’

क्या इस बार बनेगी स्थिर सरकार

बेंजामिन नेतन्याहू ने नेसेट के सभी 64 सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके प्रति समर्थन जताया और कहा कि वह एक स्थिर और सफल सरकार बनाएंगे. नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के अलावा उन्हें शास, यूनाइटेड टोराह जूडयिज्म, रिलिजिअस जियोनिज्म, जूइश पावर और नोआम समेत दक्षिणपंथी गठबंधन का समर्थन मिला है.

लिकुड पार्टी ने संसद में 32 सीट जीतीं, जबकि निवर्तमान प्रधानमंत्री याइर लापिद की येश अतीद को 24 सीट मिलीं. रिलिजिअस जियोनिज्म को 14 सीट मिली हैं. नेतन्याहू के अन्य संभावित गठबंधन सहयोगियों-शास और यूनाइटेड टोराह जूडयिज्म ने क्रमशः 11 और सात सीट जीतीं, जिससे 120 सदस्यीय संसद में गठबंधन के कुल सांसदों की संख्या 64 हो गई है.

रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज की नेशनल यूनिटी ने 12 सीट जीतीं, और वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन की पार्टी को छह सीट मिलीं. एक समय इजराइल की सत्ता में रही लेबर पार्टी केवल 3.25 प्रतिशत मतों के साथ चार सीट जीत पाई. देश में राजनीतिक गतिरोध 2019 में तब शुरू हुआ था, जब नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासभंग के आरोप लगाए गए थे, जिसका उन्होंने खंडन किया था.

यह भी पढ़ें- Benjamin Netanyahu: इजरायल में नेतन्याहू की वापसी के क्या हैं मायने? जानें फिलिस्तीनियों पर क्या होगा असर

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