Benjamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार (10 दिसंबर) को भ्रष्टाचार के मामले में अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में पहली बार कठघरे में खड़े होकर गवाही दी. यह घटना ऐतिहासिक है क्योंकि इजरायल के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी मौजूदा प्रधानमंत्री ने आपराधिक मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में गवाही दी हो. नेतन्याहू ने अपनी गवाही के दौरान अदालत में सहजता दिखाते हुए अपनी बात रखी और आरोपों को निराधार करार दिया.


8 साल बाद सच कहने का मौका मिला- नेतन्याहू


तेल अवीव की अदालत में गवाही देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि वह इस पल का आठ साल से इंतजार कर रहे थे ताकि वह सच बोल सकें. उन्होंने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उनका बयान अभियोजन पक्ष के मामले को खत्म कर देगा. नेतन्याहू ने खुद को निर्दोष बताते हुए घटनाओं को अपने तरीके से पेश किया और अदालत को अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी कुछ बातें शेयर की. उन्होंने सिगार पीने की अपनी आदत के बारे में बताया, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि वह शैंपेन से नफरत करते हैं.


नेतन्याहू ने आरोपों को बेबुनियाद बताया


नेतन्याहू पर आरोप हैं कि उन्होंने मीडिया के कारोबारियों से अपने और अपने परिवार के लिए सकारात्मक कवरेज पाने के बदले में उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक हितों को बढ़ावा दिया. इसके अलावा उन पर एक अरबपति हॉलीवुड निर्माता से सिगार और शैंपेन लेने का भी आरोप है. इन आरोपों के बावजूद नेतन्याहू ने उन्हें बेबुनियाद और झूठा बताया.


इजरायली सेना की सीरिया में घुसपैठ का विवाद


इजरायल ने मंगलवार (10 दिसंबर) को सीरिया में स्थित सैन्य ठिकानों पर बमबारी की जिसके बाद सीरियाई अधिकारियों ने दावा किया कि इजरायली सेना देश के भीतर घुस आई है. हालांकि इजरायल ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसके सैनिक सिर्फ बफर जोन में मौजूद थे. इजरायल का कहना है कि उसने सीरियाई हथियारों को दुश्मनों से बचाने के उद्देश्य से ये हमले किए. इस घटना के बाद मिस्र, कतर, जॉर्डन और सऊदी अरब ने इजरायल की इस घुसपैठ की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया.


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद बढ़ा


सीरिया में इजरायल की घुसपैठ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद को जन्म दिया है. सीरियाई अधिकारियों ने इसे इजरायल की एक नई सैन्य रणनीति के रूप में देखा जबकि कई अरब देशों ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस घटना ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है जहां इजरायल और सीरिया के बीच पहले से ही संघर्ष चल रहा है.


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