Beta Pictoris Star : हमारा ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि वैज्ञानिक लगातार नई-नई चीजों की खोज में लगे हैं. अब बीटा पिक्टोरिस तारा मंडल पर रिसर्च की जा रही है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह तारामंडल फिलहाल गैस और धूल से भरा हुआ है. इसको लेकर करीब 20 साल पहले भी अवलोकन किया गया था. अब जेम्स वेब टेलीस्कोप ने इसकी नई खोज की है. बीटा पिक्टोरिस तारा मंडल हमारी पृथ्वी से 63 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है. अब तारा मंडल में विशाल एस्टेरॉयड के बीच टकराव के आसार जताए जा रहे हैं. इसकी दूरी इतनी है कि यहां तक पहुंचने में एक मनुष्य का पूरा जीवन समाप्त हो जाएगा.


2 करोड़ साल पुराना है बीटा पिक्टोरिस
बीटा पिक्टोरिस सिर्फ 2 करोड़ साल पुराना है, जबकि सौर मंडल 4.5 अरब साल पुराना है. इसलिए बीटा पिक्टोरिस वैज्ञानिकों के रडार पर है. अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की 244वीं बैठक में 10 जून को एक प्रस्तुति दी गई थी. इसी दौरान वैज्ञानिकों ने इन खोजों को साझा किया. बताया गया कि बीटा पिक्टोरिस में कम से कम 2 विशाल गैस ग्रह हैं, लेकिन अभी तक वहां कोई चट्टानी ग्रह नहीं पाया गया है. हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि बहुत अधिक धूल पैदा करने वाले बड़े पैमाने पर टकरावों के कारण चट्टानी ग्रह बन सकते हैं.


20 साल बाद गायब हो गए धूल के बादल
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय की खगोलशास्त्री क्रिस्टीन चेन ने इस शोध का नेतृत्व किया था. उन्होंने बताया कि हमने बड़े क्षुद्रग्रह आकार के पिंडों के बीच एक दुर्लभ, प्रलयकारी घटना के परिणाम को देखा, जिसने इस तारा मंडल की हमारी समझ में एक परिवर्तन को सामने रखा है. चेन ने 2004 और 2005 में रिटायर हो चुके स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप से इसका अवलोकन किया. यहां उन्होंने 2 विशाल गैस ग्रह देखे, जिसे बीटा पिक्टोरिस बी और सी नाम दिया गया है. स्पिट्जर और वेब अवलोकनों का अध्ययन करने पर चेन और उनके सहयोगियों को पता लगा कि 20 साल पहले उन्होंने जो डेटा कैप्चर किया था, उसमें मौजूद 2 धूल के बादल गायब हो गए. टीम का मानना है कि स्पिट्जर के डेटा लेने से पहले यहां 2 एस्टेरॉयड टकराए थे. पिछले अवलोकन में धूमकेतु और एस्टेरॉयड के प्रमाण थे.