भारत बायोटेक ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम का डेटा दिया है. इसी के चलते 22 जून को ड्रग रेगुलेटर की विषय विशेषज्ञ समिति के साथ नतीजों को लेकर बैठक होने की उम्मीद है. वहीं बुधवार को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अपनी वैक्सीन के सिलसिले में एक 'प्री सबमिशन' बैठक कर सकता है. दरअसल ये  'प्री-सबमिशन' मीटिंग आखिरी सबमिशन से पहले डब्लूएचओ के अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी. 


वहीं डब्ल्यूएचओ का एक ईयूएल भारत बायोटेक को अपनी वैक्सीन को निर्यात करने की अनुमति देगा और भारतीय नागरिकों के लिए कोवैक्सिन के साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाएगा, क्योंकि अभी तक विदेशी सरकारों ने कोवैक्सीन लगवा चुके लोगों को विदेश जाने की अनुमति नहीं दी है. जानकारी के मुताबिक भारत बायोटेक ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि वो जुलाई में परीक्षण के परिणाम पेश करेगी और पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी. साथ ही कंपनी ने एक इंटरव्यू में बताया कि तीसरे चरण का डेटा सबसे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को प्रस्तुत किया जाएगा.


मार्च में पेश हुआ पहला विश्लेषण


मार्च में भारत बायोटेक ने तीसरे चरण के परिणामों का पहला विश्लेषण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि  दूसरी डोज के बाद 81 प्रतिशत तक कोरोना को रोका जा सकता है. वहीं डेटा में संक्रमण के मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना में भी 100 प्रतिशत की कमी देखी गई थी.


फाइजर और मॉडर्न पर चल रहा काम


भारत में कोवैक्सिन के अलावा कोविशील्ड और रूस की स्पुतनिक वी इस समय उपलब्ध हैं. वहीं सरकार ने कहा है कि वो अपने वैक्सीन के उपयोग के लिए अमेरिकी फार्मा फाइजर और मॉडर्न के साथ भी काम कर रही है.


इसे भी पढ़ेंः


पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में कश्मीर के सभी नेता शामिल होंगे- फारुक अब्दुल्ला


अखिलेश यादव का दावा- यूपी के 24 जिलों में सरकार के आंकड़ों से 43 गुना ज्यादा है कोरोना से मौत का आंकड़ा