भारत बायोटेक ने कहा- यूके स्ट्रेन और भारत में मिले कोरोना वैरिएंट पर प्रभावी है स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’
देश में चल रहे टीकाकरण अभियान में कोवैक्सीन अग्रणी भूमिका निभा रहा है. कोवैक्सीन देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन है जिसका निर्माण भारत बायोटेक कर रही है.
नई दिल्ली: भारत बायोटेक ने रविवार को कहा कि उसका कोविड-19 वैक्सीन भारत और ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी पाया गया है. एक मशहूर मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध का हवाला देते हुए हैदराबाद की टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन टीकाकरण भारत और ब्रिटेन में क्रमश: सामने आए बी.1.617 और बी.1.1.7 समेत कोरोना वायरस के सभी प्रमुख स्वरूपों के खिलाफ कारगर साबित हुआ है.
कंपनी के मुताबिक, यह शोध राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर किया गया था. भारत बायोटेक की सह-संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने एक ट्वीट में कहा, ' कोवैक्सीन को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, प्रकाशित हुए वैज्ञानिक शोध आंकड़े नए स्वरूपों के खिलाफ भी सुरक्षा को दर्शाते हैं.' उन्होंने इस ट्वीट को प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत अन्य को टैग किया है.
गौरतलब है कि देश में जो टीकाकरण अभियान चल रहा है उसमें कोवैक्सीन अग्रणी भूमिका निभा रहा है. कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है. इसके अलावे सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड का टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है.
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि 20 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन राज्यों को मुफ्त में दी गई है. मंत्रालय के मुताबिक, 'भारत सरकार के जरिए अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 20 करोड़ से अधिक (20,28,09,250) वैक्सीन डोज मुफ्त दी गई है. 1.84 करोड़ से अधिक (1,84,41,478) वैक्सीन डोज अभी भी उनके पास उपलब्ध हैं. इसके अलावा अगले 3 दिनों में उन्हें लगभग 51 लाख डोज मिल जाएगी.'