China on Doklam: भूटान के राजा के भारत दौरे से घबराया हुआ है चीन, जानें किस बात का ड्रैगन को सता रहा है डर
China-Bhutan Border Disputes : भूटान के राजा भारत के दौरे पर आ रहे हैं. ये चीन के लिए नया सिर दर्द बन गया है. बता दें कि अभी चीन भूटान के साथ अपने सीमा विवाद के लिए भारत को जिम्मेदार बता रहा है.
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Bhutan: भूटान के राजा 3 से 5 अप्रैल तक भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे. इस बात से चीन बौखलाया हुआ है. भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को तीन दिन के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में चीन इस बात से डरा हुआ है कि भूटान के बोल कही बदल न जाएं. गौरतलब है कि हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे छृंग ने अपने इंटरव्यू में यह कहते हुए चीन का पक्ष लिया है कि चीन ने जो गांव बनाए हैं, वे भूटान के भीतर नहीं हैं.
भूटान के पीएम के इस बयान के बाद चीन गदगद है. चाइना मौके का फायदा उठाना चाहता है लेकिन अहम मौके पर भूटान के राजा भारत दौरे पर आ रहे हैं, जो चीन के लिए नया सिर दर्द बन गया है. बता दें कि भूटान के प्रधानमंत्री के इंटरव्यू के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में चीन-भूटान सीमा विवाद को हल करने भारत को सबसे बड़ी रुकावट' करार दिया है.
भारत के कारण नहीं हो पा रहा सीमा विवाद हल
चीन का कहना है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद बहुत मामूली है लेकिन भारत की दखलअंदाजी के कारण यह हल नहीं हो पा रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, चीन का सरकारी अखबार आगे लिखता है कि डोकलाम पूरी तरह चीन की सीमा में है और भारत से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
इसी कड़ी में एक चीनी वेबसाइट ने लिखा है कि चीन और भूटान के बीच इस बात पर कोई मतभेद नहीं है कि डोकलाम चीन का है. इसने आगे लिखा है कि डोकलाम न ही भारत का है और न भूटान का, वह सिर्फ चीन का है.
क्या कहा था भूटान के PM ने
भूटान के पीएम ने कहा कि भारत की तरह बॉर्डर पर विवादों को बढ़ाकर भूटान को कोई फायदा नहीं होगा. भारत की तुलना में भूटान का चीन के साथ बेहतर रिश्ता है. यह रिश्ता केवल कल्चरल और धार्मिक नहीं, बल्कि इतिहास से भी जुड़ा है.
अब इस तनावपूर्ण माहौल में भूटान के राजा भारत दौरे पर आ रहे हैं. उनके साथ विदेश और विदेश व्यापार मंत्री डॉ टांडी दोरजी और भूटान की शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे. अपनी यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. ऐसे में चीन इस बात से वाकिफ है कि भारत इस मुद्दे पर बात जरूर करेगा. बस यही वजह है कि चीन तिलमिलाया हुआ है.
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