अमेरिकी बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों को पिछली ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियम के चलते हुयी मुश्किलों  और आपत्तियों पर दोबारा विचार कर रहे हैं. प्रसाशन ने इस विवादास्पद नियम में देरी के लिए शुक्रवार को औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया. यह नियम एच-1बी वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी से संबंधित है. प्रसाशन के अनुसार विवादास्पद नियम को फिलहाल लागू नहीं किया गया जाएगा और इसे टाल दिया गया है.


श्रम विभाग की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित नोटिफिकेशन के अनुसार वह इस नियम को लागू करने और इसके अमल में देरी को लेकर विचार कर रहा है. फिलहाल इस नियम को प्रभावी करने की तारीखें 14 मई और एक जुलाई हैं. विभाग ने बयान में बताया कि नियम को प्रभावी करने की तारीख में और देरी से पहले आम लोगों की राय ली जाएगी


भारतीय आईटी पेशेवरों को मिलेगी राहत





बाइडन प्रशासन के इस कदम से भारतीय आईटी पेशेवरों को भी राहत मिलेगी. गौरतलब है कि, विदेशी कर्मचारियों और खासकर एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियमों के चलते आईटी पेशेवरों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.


ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के लिए उन्हीं विदेशी कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का नियम बनाया था जिन्हें अमेरिका में अधिक वेतन दिया जाएगा. इस हिसाब से सिर्फ बेहद कुशल और ज्यादा वेतन वाले लोगों को ही वीजा मिल पाता और कम वेतन लेकर अमेरिका में काम के इच्छुक इस वीजा से वंचित रह जाते.

एक फरवरी 2021 को श्रम मंत्रालय ने दिया था प्रस्ताव 


इससे पहले एक फरवरी 2021 को श्रम मंत्रालय ने अमेरिका में रोजगार के लिए वेतन संरक्षण नियम की प्रभावी तारीख में देरी का प्रस्ताव दिया था.बता दें कि, भारतीय आईटी पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है. हर साल विभिन्न श्रेणियों में 85 हजार वीजा जारी किए जाते हैं. यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है.




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