Papua New Guinea: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले महीने प्रशांत द्वीप समूह के नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी. इस बात की जानकारी पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे ने रविवार को दी. 


पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक है. क्योंकि प्रशांत महासागर के सबसे बड़े देश में वैश्विक महाशक्तियों की भविष्य की रणनीति को लेकर बैठक होने जा रही है. पापुआ न्यू गिनी का चीन और अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि मारापे विदेशी निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं. इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2018 में राष्ट्र का दौरा किया था. 


बीजिंग के प्रभाव को कम करेगा अमेरिका 


बताते चलें कि पिछले साल सोलोमन द्वीप समूह के साथ चीन के एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था. इसके बाद से अमेरिका ने इस क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए प्रयासों को तेज कर दिया है. गौरतलब है कि पापुआ न्यू गिनी संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा समझौते पर बातचीत कर रहा है, साथ ही  प्रधानमंत्री जेम्स मारपे को इस साल बीजिंग की यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है. 


हमें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता 


बाइडेन और पीएम मोदी के मुलाकात से पहले जेम्स मारपे ने कहा कि जब इंडो-पैसिफिक बातचीत की बात आती है तो पापुआ न्यू गिनी और प्रशांत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हमारे संयुक्त वन और समुद्री क्षेत्रों के साथ, हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन सिंक है, साथ ही हमारे पास पृथ्वी पर सबसे बड़ा समुद्र और वायु स्थान है. मालूम हो कि 30 मिलियन वर्ग किलोमीटर (10 मिलियन वर्ग मील) महासागर प्रशांत द्वीप समूह फोरम के 18 देशों और क्षेत्रों को कवर करता है. क्वाड के 24 मई के शिखर सम्मेलन के लिए मोदी और बाइडेन ऑस्ट्रेलिया के रास्ते में पापुआ न्यू गिनी में रुकेंगे. इस बैठक में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं. 


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