Pramila Jayapal: अमेरिका में फिर लहराया भारत का परचम, भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल की हुई इस बड़े पद पर तैनाती
कांग्रेस में आने से पहले प्रमिला जयपाल अप्रवासियों के अधिकारों के लिए लंबे समय तक लड़ चुकी हैं. 11 सितंबर को हुए आतंकी हमलों के बाद उन्होंने वॉशिंगटन राज्य का सबसे बड़ा अप्रवासी अधिकार संगठन बनाया.
Pramila Jayapal has been named Ranking Member: भारत का परचम अमेरिका में एक बार फिर लहराया है. भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल को इमिग्रेशन के लिए बने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के पैनल का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है. इसी के साथ वह उपसमिति में नेतृत्व करने वाली पहली अप्रवासी बन गई हैं.
एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि वॉशिंगटन राज्य के 7वें कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाली 57 वर्षीय जयपाल ने इमिग्रेशन के लिए बने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के में काम करने के लिए कांग्रेस महिला जो लोफग्रेन का स्थान लिया है.
नई जिम्मेदारी मिलने पर कहा- सम्मानित महसूस कर रही हूं
वहीं, इस उपलब्धि पर प्रमिला जयपाल ने कहा कि “अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली दक्षिण एशियाई महिला और कांग्रेस में केवल दो दर्जन प्राकृतिक नागरिकों में से एक के रूप में, मैं नई जिम्मेदारी और सेवा करने के लिए काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं."
अमेरिकी नागरिकता के लिए करना पड़ा था लंबा इंतजार
उन्होंने आगे कहा कि “मैं अमेरिका में तब आ गई थी जब मैं 16 साल की थी. मेरे पास करने को कुछ बड़ा नहीं था. मुझे अमेरिकी नागरिक बनने के लिए भी काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था. यह मेरे लिए बेहद सार्थक है कि अब मैं अच्छी स्थिति में पहुंच गई हूं.” उन्होंने कहा, मैं प्रतिनिधि लोफग्रेन को भी बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं.
महिलाओं को सशक्त करने के लिए लगातार कर रहीं काम
कांग्रेस में आने से पहले प्रमिला जयपाल अप्रवासियों के अधिकारों के लिए लंबे समय तक लड़ चुकी हैं. 11 सितंबर को हुए आतंकी हमलों के बाद उन्होंने वन अमेरिका (पूर्व में हेट फ्री ज़ोन) की शुरुआत की, जो वॉशिंगटन राज्य का सबसे बड़ा अप्रवासी अधिकार संगठन है. वन अमेरिका में उनके काम के लिए, उन्हें तब के राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से चैंपियन ऑफ चेंज का पुरस्कार दिया गया था. वह परिवारों को एक साथ रखने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही हैं.