रविवार को दिन पाकिस्तान के भविष्य के लिए बेहद अहम रहने वाला है. पाकिस्तान की संसद में देश के वजीर-ए-आजम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने अपने स्टैंड में बदलाव करते हुए कल की वोटिंग में हिस्सा लेने का एलान कर दिया है. इमरान के एलान के बाद सिर्फ संसद ही नहीं संसद के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था को बेहद मजबूत कर दिया गया है.


पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में धारा-144 लागू कर दी गई है, जो अगले दो महीने तक अगले आदेश तक जारी रहेगी. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दिन 3 अप्रैल को मेट्रो बस सेवा बंद करने का फैसला भी लिया गया है. संसद समेत प्रमुख इमारतों वाले रेड जोन इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और इस इलाके तक जाने वाले प्रमुख रास्तों पर कंटेनर रख दिए गए हैं. आम लोगों के लिए 3 अप्रैल को यह इलाका आवाजाही के लिए बंद रहेगा. 


दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास इस बारे में विश्वसीय सूचना है कि उनकी जान को खतरा है. हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह भयभीत नहीं हैं और एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए अपनी जंग जारी रखेंगे. रविवार को संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान से पहले खान ने कहा कि ताकतवर सेना ने उन्हें तीन विकल्प दिये हैं--अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का सामना करने, समय से पहले चुनाव कराने या प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे देने.


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि समय से पहले चुनाव कराना सबसे अच्छा विकल्प है...मैं इस्तीफा देने के बारे में कभी नहीं सोच सकता...और अविश्वास प्रस्ताव के लिए, मुझे विश्वास है कि मैं आखिरी मिनट तक मुकाबला करूंगा.’’ पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने पिछले 73 साल में आधे से अधिक समय तक देश पर शासन किया है. सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में उसकी बड़ी भूमिका रही है. खान ने कहा कि न सिर्फ उनकी जान खतरे में है, बल्कि विदेशी हाथों की कठपुतली बना विपक्ष उनका चरित्र हनन भी करेगा.


क्रिकेटर से राजनेता बने खान (69) ने कहा, ‘‘मैं अपने राष्ट्र को यह बताना चाहता हूं कि मेरी जान को भी खतरा है, उन्होंने (विपक्ष ने) मेरा चरित्र हनन करने की भी साजिश रची है. न सिर्फ मेरा, बल्कि मेरी पत्नी का भी.’’ यह पूछे जाने पर कि विपक्ष ने उन्हें क्या विकल्प दिये हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें विपक्षी नेता शहबाज शरीफ जैसे लोगों से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम बच गये (अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में), तो हम इन दल-बदलुओं के साथ काम नहीं करेंगे (जो उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ को छोड़ कर विपक्षी खेमे में जा मिले हैं).’’ खान ने कहा कि समय से पहले चुनाव कराना बेहतर विकल्प है, ‘‘मैं अपने राष्ट्र से अनुरोध करूंगा कि मुझे एक साधारण बहुमत दें ताकि मुझे समझौते नहीं करने पड़े.’’


ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने नेपाल में लॉन्च किया RuPay, कहा- दोनों देशों ने सुख दुख में दिया एक दूसरे का साथ


ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच क्यों ट्रोल हो रहे हैं पीएम इमरान खान? जानिए