पाकिस्तान: लंच कर रहे थे काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के दो अफ्सर, आतंकियों ने रेस्टोरेंट में आकर मारी गोली, मौके पर मौत
Big Terrorist Attack in Pakistan: बता दें कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पिछले साल नवंबर में सरकार के साथ अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा की थी
Big Terrorist Attack in Pakistan: आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकवाद के चंगुल में है. पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ ने सरकार के खिलाफ जंग का एलान कर दिया है. वो लगातार सरकार, सेना और सुरक्षाबलों को निशाना बना रहा है. ताजा घटनाक्रम में आतंकियों ने पाकिस्तान आतंक रोधी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर और इंस्पेक्टर की हत्या कर दी है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खानेवाल में मंगलवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने दोनों अफसरों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी.
इस घटना के बारे में प्रांतीय पुलिस ने बताया कि लाहौर से करीब 375 किलोमीटर दूर खानेवाल में दोपहर को भोजन के लिए एक रेस्तरां में रुके उप निदेशक नवीद सादिक और निरीक्षक नासिर पर आतंकियों ने गोलियां चलाई जिसमें उनकी मौत हो गई.
बता दें कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पिछले साल नवंबर में सरकार के साथ अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा की थी, जिसके बाद पाकिस्तान में आतंकवाद में तेजी देखी गई है.आतंकवादी समूह ने अपने लड़ाकों को देश भर में हमले करने का आदेश जारी किया है.
तहरीक-ए-तालिबान क्या है
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे TTP भी कहा जाता है वो पाकिस्तान में अपनी ही सरकार के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर टीटीपी के कई हजार लड़ाकें मौजूद हैं, जो पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ 'युद्ध' छेड़े हुए हैं.
पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाइ अमेरिकी ड्रोन युद्ध और इस इलाके में अन्य गुटों की घुसपैठ ने 2014 से 2018 तक टीटीपी के आतंक को लगभग खत्म कर दिया था लेकिन, फरवरी 2020 में अफगान तालिबान और अमेरिकी सरकार द्वारा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह उग्रवादी समूह फिर से इस क्षेत्र में एक्टिव हो गया.
जुलाई 2020 के बाद से 10 उग्रवादी समूह जो लगातार पाकिस्तान सरकार का विरोध कर रही थी, वो तहरीक-ए-तालिबान में शामिल हो गए. इनमें अल-कायदा के तीन पाकिस्तानी गुट भी शामिल हैं, जो 2014 में टीटीपी से अलग हो गए थे.
इन विलयों के बाद, टीटीपी और मजबूत हुआ और हिंसक भी. यह हिंसक सिलसिला अगस्त 2021 में काबुल में अफगान तालिबान की सरकार बनने के बाद और तेज हो गया.
अफगान तालिबान, अल-कायदा और खुरासान प्रांत (ISKP) में इस्लामिक स्टेट के साथ इसकी गहरी ऐतिहासिक जड़ों के कारण TTP एक खतरनाक आतंकी संगठन बन गया है. यह समूह 9/11 के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अल-कायदा की 'जिहादी राजनीति' का नतीजा है.
कहा जाता है टीटीपी के अभी भी अल-कायदा के साथ गुप्त संबंध हैं और उसने घोषणा भी की है कि वह अफगानिस्तान में तालिबान शासन के तहत सुरक्षित आश्रय का आनंद लेते हुए अफगान तालिबान नेताओं को अपना मानता रहेगा और अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर पाकित्सान के खिलाफ जंग छेड़ता रहेगा.
इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह की खुरासान शाखा बड़े पैमाने पर TTP से अलग हुए सदस्यों से ही बना है. इस समूह ने पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान के साथ किसी भी संघर्ष से खुद को बचा कर रखा है.