Russia Ukraine conflict: दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा सुरक्षा संकट, संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में बोले यूक्रेन के विदेश मंत्री
यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि दोनेत्स्क और लुहान्स्क जैसे क्षेत्रों की तथाकथित ‘आजादी’ को मान्यता देने का रूस का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है.
Russia Ukraine conflict: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) "यूक्रेन (Ukraine) के अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में स्थिति" पर चर्चा के लिए बैठक कर रही है. इस सत्र में बोलते हुए यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इसे "विश्व युद्ध 2 के बाद से यूरोप में सबसे बड़ा सुरक्षा संकट" बताया.
यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा,"हम वर्तमान में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़े सुरक्षा संकट के बीच में हैं. यह संकट रूसी संघ द्वारा एकतरफा रूप से बनाया और बढ़ाया जा रहा है. यूक्रेन पर रूस के आरोप बेबुनियाद हैं."
दिमित्रो कुलेबा ने कहा, "यूक्रेन ने कभी किसी को धमकी या किसी पर हमला नहीं किया है. यूक्रेन ने कभी भी डोनबास (Donbas) में किसी भी सैन्य हमले की योजना नहीं बनाई, न ही किसी उकसावे और या तोड़फोड़ की कार्रवाई की."
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, "हमें रूस को रोकने के लिए इस आखिरी मौके का इस्तेमाल करने की जरूरत है, साफ है कि राष्ट्रपति पुतिन अपने आप नहीं रुकेंगे. जैसा कि हम जानते हैं कि यूक्रेन में बड़े पैमाने पर युद्ध की शुरुआत विश्व व्यवस्था का अंत होगी."
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की और कहा कि दुनिया हाल के वर्षों में ‘वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर सबसे बड़े संकट’ का सामना करना रही है. उन्होंने रूस के कदम को यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन और मिन्स्क समझौते के लिए ‘बड़ा झटका’ करार दिया.
United Nations General Assembly meets on "the situation in the temporarily occupied territories of Ukraine" pic.twitter.com/A2UD48mrMH
— ANI (@ANI) February 23, 2022
यूक्रेन में बिगड़ते हालात के मद्देनजर कांगो गणराज्य की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द करने वाले गुतारेस ने कहा कि वह पूर्वी यूरोपीय देश के ताजा घटनाक्रमों से बहुत परेशान हैं, जिसमें संपर्क रेखा के पास संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि के अलावा जमीन पर टकराव का बढ़ता जोखिम शामिल है.
‘शांति और सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ा संकट’
मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में गुतारेस ने कहा, ‘‘हमारी दुनिया हाल के वर्षों में वैश्विक शांति और सुरक्षा को लेकर सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है, खासतौर पर बतौर महासचिव मेरे कार्यकाल में. हम एक ऐसी घड़ी का सामना कर रहे हैं, जिसके बारे में मेरी दिली इच्छा थी कि यह कभी आए ही नहीं.’’ यूएन महासचिव ने दोहराया कि दोनेत्स्क और लुहान्स्क जैसे क्षेत्रों की तथाकथित ‘आजादी’ को मान्यता देने का रूस का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है.
इसलिए गहरा गया है संकट
गौरतलब है कि सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूस समर्थित अलगाववादी दो क्षेत्रों- ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ को एक “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दे दी है. पुतिन ने सोमवार रात टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित किया था. पुतिन ने कहा कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी. राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी. पुतिन के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन तनाव चरम पर पहुंच गया है. रूस के इस फैसले के बाद कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
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