China in Balochistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाकर खनिज संपदा लूटने वाले चीन को अल्टीमेटम मिला है. चीन को धमकी दी गई है कि अगर 90 दिनों के भीतर वह बलूचिस्तान से बाहर नहीं निकलता है, तो वह अपने प्रमुख ठिकानों पर हमले के लिए तैयार हो जाए. चीन को धमकाने वाला और कोई नहीं, बल्कि बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) है. बीएलए ने रविवार को ही चीनी नागरिकों पर हमला किया था. 


बीएलए ने बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट जा रहे 23 चीनी नागरिक के काफिले पर हमला किया. चीनी इंजीनियर्स के काफिले में तीन एसयूवी कारें और एक वैन शामिल थीं. बीएलए की माजिद ब्रिगेड़ के दो लड़ाकों ने काफिले पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. बीएलए ने यहां तक दावा किया कि इस हमले में 13 लोग मारे गए हैं, मरने वालों में चार चीनी नागरिक भी हैं. चीन ने भी हमले की बात को स्वीकार किया. 


कैसे दिया हमले को अंजाम?


'द बलूचिस्तान पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएलए के प्रवक्ता जियांद बलोच ने चीनी इंजीनियर्स पर हुए हमले की जानकारी दी. उसने बताया कि हमले को किस तरह और कहां अंजाम दिया गया. उसका कहना है कि इस हमले में चार चीनी 4 नागरिक और 9 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए. बीएलए प्रवक्ता ने बताया कि सुबह के वक्त दो लड़ाकों ने चीनी काफिले पर ग्रेनेड से हमला किया और फिर लगभग आधे घंटे तक उस पर गोलियां बरसाईं. 






जियांद का कहना है कि हमला करने वाले लड़ाकों की संख्या दो थी. उनका नाम नाविद बलोच और मकबूल बलोच है, जो बीएलए की सबसे बेहतरीन माजिद ब्रिगेड से थे. काफी देर तक दोनों ओर से गोलीबारी की गई. जब बलोच लड़ाकों की गोलियां खत्म होने की कगार पर आ गईं, तो दोनों ने खुद को गोली मारकर 'शहीद' कर लिया. इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं. 


90 दिन में बलूचिस्तान छोड़े चीन


बीएलए के बयान में चीन को कड़ा और साफ मैसेज दिया गया है. इसमें बलूचिस्तान को को एक 'कब्जे' वाली जगह बताया गया है. बलूचिस्तान में चल रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडर (CPEC) जैसे चीन के प्रोजेक्ट्स को लेकर भी नाराजगी जताई गई है. बलूच लोगों का मानना है कि चीन उनके यहां मौजूद खनिजों की लूट मचा रहा है. पाकिस्तान का ये हिस्सा बहुमूल्य खनिजों से भरा हुआ है. 


बयान में कहा गया है कि हमने चीन को बलूचिस्तान में अपनी गतिविधियों पर सोचने के लिए बार-बार आगाह किया है. हम चीन के प्रोजेक्ट्स को शोषण के तौर पर देखते हैं. इस इलाके में विदेशी प्रोजेक्ट तभी आगे बढ़ेंगे, जब बलूचिस्तान को आजादी मिल जाएगी. बीएलए ने चीन को बलूचिस्तान छोड़कर जाने के लिए 90 दिनों का अल्टीमेटम दिया और कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो अपने प्रोजेक्ट्स पर हमले के लिए तैयार रहे. 


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