रोम: इटली की पुलिस ने मरने के दो साल से अधिक समय बाद एक मेज पर बैठी 70 वर्षीय महिला के ममीकृत अवशेषों (mummified remains) को खोजा है. इसके बाद से देश में बुजुर्गों की बेहतर देखभाल की मांग की जा रही है.  मारिनेला बेरेटा, जिसका कोई जीवित रिश्तेदार नहीं था, का शव उत्तरी इटली में कोमो झील के पास प्रेस्टिनो में अपने घर में पाया गया. इतालवी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उसे पड़ोसियों ने कम से कम ढाई साल से नहीं देखा था.


परिवार मंत्री एलेना बोनेट्टी ने फेसबुक पर कहा, "कोमो में मारिनेला बेरेटा के साथ जो हुआ, वह भूला हुआ अकेलापन, हमारी अंतरात्मा को आहत करता है." उन्होंने कहा,” एक समुदाय के रूप में (जो एकजुट रहना चाहता है), हमारा कर्तव्य है, उसके जीवन को याद रखना... किसी को भी अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए."


राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान (ISTAT) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, इटली में 75 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 40 प्रतिशत लोग अकेले रहते हैं. इनके पास जरूरत पड़ने पर न तो रिश्तेदार हैं और न ही दोस्त.


इटली के सबसे अधिक बिकने वाले दैनिक कोरिएर डेला सेरा के पहले पन्ने पर संपादकीय लेखक मास्सिमो ग्रैमेलिनी ने लिखा, बेरेटा "अकेलापन की प्रतीक" थी. उन्होंने लिखा, " आधुनिक परिवार कम हो रहे हैं ... लोग अकेले मर जाते हैं. और हम अकेले रहते हैं, जो लगभग बदतर है."


रिपोर्ट में कहा गया है कि पड़ोसियों, जिन्होंने सितंबर 2019 से बेरेटा को नहीं देखा था, ने माना कि वह कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत में वह दूर चली गई थी, जिसने 2020 में उत्तरी इटली को प्रभावित किया था.  पुलिस को मौके पर ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे यह पता चले कि इसमें कोई गड़बड़ है.


मेसागेरो दैनिक ने कहा, "उसकी झोपड़ी के बंद गेट के पीछे मारिनेला के अदृश्य जीवन का रहस्य हमें एक भयानक सबक सिखाता है." अखबार ने लिखा, "असली दुख यह नहीं है कि दूसरों ने उसकी मृत्यु पर ध्यान नहीं दिया. असली दुख यह है कि उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि मारिनेला बेरेटा जीवित थी."


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