(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीरिया में घातक बम विस्फोट, हादसे में 6 की मौत, कई लोग घायल
Syria: सीरिया के सबसे ज्यादा मशहूर शिया तीर्थस्थल सैयदा ज़ैनब मकबरे के पास गुरुवार (27 जुलाई) को एक बम विस्फोट हुआ जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
bomb blast in Syria: सीरिया में शिया तीर्थस्थल सैयदा ज़ैनब मकबरे के पास गुरुवार (27 जुलाई) को एक बम विस्फोट हुआ जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इस बात की जानकारी देते हुए सीरिया के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि घातक विस्फोट दमिश्क के दक्षिण में आशूरा के वार्षिक स्मरणोत्सव से पहले हुआ. यहां पर लोग शिया पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की मौत को याद करते हैं.
हादसे में 6 की मौत 20 घायल
राज्य समाचार एजेंसी SANA ने बताया आंतरिक मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 6 लोगों की मौत हुई है. हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.. आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि विस्फोटक एक कार में रखा हुआ था.
अंजान लोगों द्वारा रखा गया था बम
सरकारी टेलीविज़न ने बताया कि विस्फोट अंजान लोगों द्वारा एक टैक्सी में रखे गए बम के कारण हुआ था. 39 वर्षीय सिविल सेवक इब्राहिम ने एएफपी को बताया, "हमने एक बड़े विस्फोट की आवाज़ सुनी जिसके बाद लोग भागने लगे." उन्होंने आगे बताया कि, "विस्फोट के बाद एंबुलेंस आ गई और सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया. "उन्होंने कहा कि विस्फोट पैगंबर मोहम्मद की पोती और शिया इस्लाम के संस्थापक नेता इमाम अली की बेटी सईदा ज़ैनब के मकबरे से लगभग 600 मीटर की दूरी पर एक सुरक्षा भवन के पास हुआ.
मकबरे के आसपास सुरक्षा कड़े प्रबंध
विस्फोट के बाद अधिकारियों ने शिया इस्लाम में सबसे महत्वपूर्ण 10 दिवसीय आशूरा स्मरणोत्सव के लिए मकबरे के आसपास सुरक्षा कड़े प्रबंध कर दिए थे. आधिकारिक मीडिया ने एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि मंगलवार (25 जुलाई) को उसी इलाके में एक कार में हुए विस्फोट में दो नागरिक घायल हो गए थे. उन्होंने बताया कि न केवल सीरिया में बल्कि पड़ोसी देश इराक में भी इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) के सुन्नी मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा शिया धर्मस्थलों को लगातार निशाना बनाया जाता है.
इससे पहले भी 2011 में देश में हुए गृह युद्ध के दौरान सईदा ज़ैनब मकबरे पर कई घातक बम विस्फोट हुए थे. आईएस ने कहा कि फरवरी 2016 में मकबरे से 400 मीटर की दूरी पर दोहरे आत्मघाती हमले के पीछे उसका हाथ था, जिसमें 90 से अधिक नागरिकों सहित 134 लोग मारे गए थे. समूह ने कई हफ्ते पहले अभयारण्य के पास एक ट्रिपल विस्फोट का भी दावा किया था जिसमें कम से कम 70 लोगो की जान चली गई थी.
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