दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में एक अमेरिका इस वक्त मौसम की मार झेल रहा है. अमेरिका में हालात बेकाबू हो गए हैं. लोग घरों में कैद हैं. बर्फीले बम चक्रवात ने लोगों की जिंदगी मुश्किल में डाल दी है. हालात ऐसे हैं कि इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीमें भी काम नहीं कर पा रही हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक कार क्रैश, पेड़ गिरने और दूसरी वजहों से 18 लोगों की जान जा चुकी है. कई लोग बीमार हैं. लगभग 18 लाख लोग घरों में फंसे हुए हैं. इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स बंद हैं और हजारों लोग एयरपोर्ट्स पर भी फंसे हैं.
मेडिकल टीम नहीं पहुंचने से हुई मौत
अमेरिका में सबकुछ ठप है. जन जीवन इस तरह से रुका हुआ है कि आपात स्थिति में भी लोगों को मदद नहीं मिल पा रही है. न्यूयॉर्क के बफैलो एरिया में तीन लोगों की मौत हुई है जिसमें से दो लोगों की घर में मर गए हैं. इन लोगों का स्वास्थ्य खराब हो गया था और बर्फीले तूफान की वजह से इमरजेंसी मेडिकल टीमें इन तक नहीं पहुंच पाईं. नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक कई जगहों पर तापमान -48 डिग्री तक हो गया था.
न्यूयॉर्क की गवर्नर ने क्या कहा
न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने इस स्थिति पर हैरानी जताई है और कहा है कि नेचर हम पर कहर बरपा रही है. सबकुछ बहुत कठिन होता जा रहा है. हवा की गति वेग, बफेलो में लगभग 80 मील प्रति घंटा है.
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लाखों लोग "सर्दियों के तूफान" से प्रभावित हुए हैं. बम चक्रवात से 14 लाख से अधिक घर और व्यवसाय गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं क्योंकि इससे ब्लैकआउट, बिजली आउटेज और तापमान में गिरावट आई है.
एयरपोर्ट पर स्थिति कैसी
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय समयानुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे तक उत्तर-पश्चिमी अमेरिकी राज्य वाशिंगटन के सबसे बड़े शहर सिएटल ने 449 उड़ानें रद्द कर दी थीं. इनमें से 39 फीसदी उड़ानें शहर से बाहर जा रही थीं और 40 प्रतिशत उड़ानें आ रही थीं. देश के अन्य हवाई अड्डों पर भी अफरातफरी का माहौल है. लोग घंटों से फंसे हुए हैं.
कितना खतरनाक है बम चक्रवात?
बम चक्रवात एक भयानक तूफान को दिया गया नाम है, जिसमें तूफान के केंद्र में हवा का दबाव 24 घंटे में कम से कम 24 मिलीबार तक गिर सकता है और यह तेजी से बढ़ता है. बम चक्रवात की वजह से इलाके में भारी बर्फ गिरती है और तेज हवाएं चलती हैं. यह तूफान आमतौर पर सर्दियों के मौसम में आता है.