Jair Bolsonaro: गुमनामी की जिंदगी जी रहे ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो, रेस्तरां में अकेले खाना खाते हुए दिखाई दिए
Jair Bolsonaro: ब्राजील के शानदार राष्ट्रपति भवन से निकलकर जायर बोलसोनारो अब अमेरिका में एक सामान्य से घर में रह रहे हैं.
Brazil Protest 2023: ब्राजील में वामपंथी नेता लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा राष्ट्रपति बनना पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो और उनके समर्थकों को स्वीकार नहीं था. राष्ट्रपति लूला के ब्राजील के राष्ट्रपति पद पर शपथ ग्रहण के एक हफ्ते बाद ही देश में दंगे भड़क उठे थे, जिसका आरोप सीधे-सीधे धुर दक्षिणपंथी नेता जायर बोलसोनारो पर लगा.
ब्राजील की राजधानी ब्राजिलिया में 9 जनवरी 2023 को दंगे भड़कने के बाद से ही पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो अमेरिका के फ्लोरिडा के एक छोटे से शहर में रह रहे हैं. कभी लैटिन अमेरिका के 214 मिलियन आबादी वाले सबसे बड़े देश ब्राजील की नुमाइंदगी करने वाले बोलसोनारो को केएफसी के एक रेस्तरां में अकेले खाना खाते हुए देखा गया है.
दिसंबर से अमेरिका में रह रहे बोलसोनारो
67 वर्षीय जायर बोलसोनारो को अमेरिका में एक असामान्य शरण मिली हुई है. बोलसोनारो यहां दिसंबर के आखिर से रह रहे हैं. इसके बाद ही उनके समर्थकों ने वामपंथी विचारधारा वाले लूला डा सिल्वा की सरकार को हथियाने के लिए राजधानी ब्राजिलिया के सरकारी इमारतों में आगजनी और हिंसक दंगे भड़काए थे.
जी रहे लो प्रोफाइल जीवन
ब्राजील के शानदार राष्ट्रपति भवन से निकलकर जायर बोलसोनारो अब सामान्य घर में रह रहे हैं. वह अमेरिका के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी माने जाते हैं. अमेरिका में रहते हुए बोलसोनारो ने शुरुआत से ही एक लो प्रोफाइल जीवन जी रहे हैं. वह ब्राजील के पूर्व मार्शल आर्ट चैंपियन जोस एल्डो के ऑरलैंडो घर में रह रहे हैं. यहां वो राशन खरीदने के लिए स्टोर जाने हैं और रेस्तरां में अकेले खाना भी खाने जाते हैं.
2,000 लोग हिरासत में
ब्राजील में भड़की हिंसा में कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे. दंगाई जबरन राष्ट्रपति भवन, कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट में घुस गए और वहां तोड़फोड़ की. यही नहीं बोल्सोनारो के समर्थकों ने सरकारी हथियार भी चुरा लिए थे. ब्राजील की पुलिस के मुताबिक लगभग 2,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था और लगभग 1,200 लोग गिरफ़्तार हैं.
वहीं, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने राजधानी ब्राजीलिया में दंगे के दो हफ्ते बाद देश के सेना प्रमुख जूलियो सीजर डी अरुड को बर्खास्त कर दिया.
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