Brazil: ब्राजील ने भारत के साथ अपनी इथेनॉल उत्पादन टेक्नोलॉजी साझा करने की पेशकश की है. ब्राजील के कृषि और पशुधन मंत्री कार्लोस फेवरो ने एक इंटरव्यू में कहा कि ब्राजील ने भारत के साथ टेक्नोलॉजी शेयर करना शुरू कर दिया है. ऐसे में भारत आने वाले समय में इथेनॉल उत्पादक देश के रूप में जाना जाएगा.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि ब्राजील ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (विश्व व्यापार संगठन) में चीनी से संबंधित व्यापार विवाद को पारस्परिक रूप से सुलझाने के लिए बातचीत शुरू की. इसके लिए ब्राजील ने भारत के साथ अपनी इथेनॉल उत्पादन तकनीक साझा करने की पेशकश की है. अधिकारी ने आगे कहा कि ब्राजील ने इथेनॉल टेक्नोलॉजी की पेशकश भारत को अपने अतिरिक्त चीनी उत्पादन का उपयोग करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्राजील के लिए प्रतिस्पर्धा कम करने के लिए की है.
इथेनॉल उत्पादन में ब्राजील सबसे आगे
बता दें कि ब्राजील में गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है और इस टेक्नोलॉजी में ब्राजील बेहद आगे है. ऐसे में अब भारत भी ब्राजील से इथेनॉल उत्पादन टेक्नोलॉजी हासिल कर आत्मनिर्भर हो जाएगा. बता दें कि ब्राजील दुनिया में गन्ना का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके बाद गन्ना उत्पादन में भारत का नंबर आता है. भारत चीनी का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.एक तरफ ब्राजील ने 2022 में लगभग 11 बिलियन डॉलर की चीनी निर्यात की. वहीं भारत ने लगभग 5.7 बिलियन डॉलर की चीनी निर्यात की.
भारत को होगा बेहद फायदा
ऐसे में ब्राजील के इस प्रस्ताव से भारत को बेहद फायदा हो सकता है. दरअसल, भारत का लक्ष्य पेट्रोलियम ऑटो ईंधन में इथेनॉल के मिश्रण का प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ाना और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करना है. ऐसे में इथेनॉल उत्पादन तकनीक भारत के लिए कारगर साबित होगी.
20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य
ब्राजील के पास एक फ्लेक्स तकनीक है. ऐसे में वे इथेनॉल मिश्रण करते हैं. ब्राजील ने तर्क दिया है कि भारत इथेनॉल उत्पादन के लिए अपनी अधिशेष चीनी का उपयोग कर सकता है और इसके माध्यम से भारत अपने ईंधन की जरूरतों को पूरा कर सकता है. बता दें कि भारत अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. इसके साथ ही, 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य है.
भारत के लिए इथेनॉल बनाना आसान
मालूम हो कि अमेरिका और ब्राजील दोनों मिलकर दुनिया के कुल इथेनॉल उत्पादन का 84 फीसदी इथेनॉल पैदा करते हैं. हालांकि भारत के पास इथेनॉल बनाने के लिए पर्याप्त चीजें उपलब्ध हैं, ऐसे में लिहाजा देश में इथेनॉल की भरपूर मात्रा हासिल की जा सकती है.
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