ब्राजील में शुक्रवार यानी 17 फरवरी को दुनिया का सबसे बड़ा कार्निवल शुरू हो गया है. ब्राजील के दूसरे सबसे बड़े शहर रियो द जेनेरो के मेयर एडुआर्डो पेस ने इस कार्निवाल का शुभारंभ करते हुए कहा, 'पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण हम इस महत्वपूर्ण छुट्टी को उस अंदाज से नहीं मना सके. यह खुशी के साथ-साथ हमारे जीवन और लोकतंत्र का उत्सव है. मुझे किंग मोमो को शहर की चाबी सौंपने का सम्मान मिला है. रियो कार्निवल जिंदाबाद!” 


वर्तमान में ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो पूरी तरह जश्न में डूब चुकी है. इस कार्निवल के दौरान कुल मिलाकर, 400 से अधिक परेड, या संगीतकारों और नर्तकियों के समूह, रियो डी जनेरियो की सड़कों के माध्यम से उपस्थित लोगों का मनोरंजन करेंगे. 


ब्राजील रियो कॉर्निवाल को अक्सर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में देखा जाता रहा है. इस उत्सव में अलग अलग देशों से लोग शामिल होने आते हैं. इस साल ब्राजील रियो कॉर्निवाल में 40 मिलियन से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.




ब्राजील के रियो कार्निवल में उमड़ी लाखों की भीड़ (फोटो क्रेडिट- एएफपी)


18वीं शताब्दी से ही मनाया जाता रहा है ये कार्निवाल


रियो कार्निवल 18वीं शताब्दी से ही मनाया जा रहा है. इसके तहत सांबा ड्रोम में 1980 से लगातार कार्निवल परेड होती आई है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले सालों ये जगह 400 बेघर परिवारों की शरणस्थली बन गया था. धीरे धीरे इसे टीकाकरण केंद्र में बदल दिया गया और जब हालात सुधरे तो एक बार इस उत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है. 


जानते हैं कैसे हुई कार्निवल की शुरुआत 


ऑनलाइन एटिमोलॉजी डिक्शनरी के अनुसार, "कार्निवल" शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली 'कार्ने वेल' से हुई है. जिसका मतलब है 'मांस की विदाई'. यह ऐश बुधवार के बाद ईस्टर तक यानी 40 दिनों तक मांस खाने से परहेज करने की कैथोलिक प्रथा को दर्शाता है. 


शोर-शराबे से भरा हुआ ये ब्राजील रियो कॉर्निवाल असल में शांति के दौर से पहले का जश्न का एक आखिरी हिस्सा है. इसे ईसाई लोगों ने 'लेंट' का नाम दिया है.



रियो कार्निवल (फोटो क्रेडिट- एएफपी)


फरवरी महीने में होता है शुरू


हर साल आयोजित कार्निवल फरवरी महीने के शुक्रवार को शुरू होता है और मंगलवार तक चलता है, कभी-कभी यह बुधवार तक भी चलता है. इस उत्सव को 'ग्रेटेस्ट शो ऑन अर्थ' के दर्जा दिया गया है. कार्निवल की शुरुआत लेंट की शुरुआत का संकेत देती है, जो ईसाई भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला एक पुराना कैथोलिक अनुष्ठान है.


कार्निवल में एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस, मुखौटे और सार्वजनिक पार्टियां की जाती हैं. यह उत्सव ईस्टर अवकाश तक मनाई जाती है, माना जाता है कि इसी दिन यीशु मसीह अपने क्रूस पर चढ़ने के बाद एक बार फिर से जी उठे थे.  


 'एंट्रूडो' से प्रेरित है कार्निवल


माना जाता है कि कार्निवल पुर्तगाली उत्सव 'एंट्रूडो' से प्रेरित है. कार्निवल इतिहास के अनुसार, रियो कार्निवल बॉल का पहला आयोजन 1840 में हुआ था. खास बात ये है कि इस उत्सव में जो सबसे प्रसिद्ध सांबा नृत्य प्रदर्शन है उसे 1917 तक नहीं किया जाता था. 1917 के बाद इस नृत्य की शुरुआत हुआ और तब से आजतक हर साल सांबा नृत्य प्रदर्शन ब्राजील के सर्वश्रेष्ठ सांबा स्कूलों के बीच एक प्रतियोगिता है.


सांबा स्कूल हर साल अपने गाने बनाते हैं और एक थीम तय करते हैं जो उन्हें दूसरे स्कूलों से अलग करती है. इसमें विषय कुछ भी हो सकता है. 



कोरोना महामारी के बाद पहली शुरू हुआ कार्निवल (फोटो क्रेडिट- ट्विटर/ रियो कार्निवल)


रियो में कहा होता है ये कार्निवाल 


रियो कार्निवाल के दौरान वैसे तो पूरे शहर को ही पार्टी जोन में बदल दिया जाता है लेकिन इस शानदार शो का केंद्र साम्बाड्रोमो या सांबा ड्रोम है. सांबा ड्रोम को साल 1984 में ऑस्कर निमेयर द्वारा बनाया गया था. यह एक स्टेडियम जैसी वास्तुकला है. उत्सव के दौरान ब्राजीलियाई लोग और दूसरे देशों से आए पर्यटक इसी स्टेडियम के लिए अपनी टिकट बुक कर सकते हैं.  


इस स्टेडियम में एक साथ तकरीबन 90,000 पर्यटकों आ सकते हैं. हालांकि कार्निवल के दौरान हर साल यह खचाखच लोगों से भरा हुआ होता है. साम्बाड्रोमो या सांबा ड्रोम स्टेडियम 700 मीटर से ज्यादा तक फैला हुआ है और दो तरफ से खुला है. 


सांबा परेड भी है आकर्षण का केंद्र 


रियो कार्निवाल के दौरान स्ट्रीट पर निकाली गई सांबा परेड को 100 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इस परेड को देखने भी दुनियाभर से लोग आते हैं. सांबा परेड का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. इसकी शुरुआत ब्राजील के अलावा पुर्तगाल और स्थानीय अफ्रीकी संस्कृति के प्रदर्शन के लिए हुई थी. 


इस परेड को लेकर एक और मान्यता भी है. दरअसल स्थानीय लोगों का कहना है इस परेड का आयोजन 'पानी' जो ईश्वर का बहुमूल्य वरदान है, उसके बदले ईश्वर का आभार जताने के लिए किया जाता है.




100 साल से भी ज्यादा पुराना है इस उत्सव का इतिहार (फोटो क्रेडिट- ट्विटर/ रियो कार्निवल)


स्ट्रीट पार्टियों में डूबा शहर


रियो में कार्निवाल के दौरान पूरा शहर को जश्न में डूबा होता है. लेकिन शहर की सबसे अच्छी पार्टियों का आयोजन रियो के स्थानीय लोगों ब्लोकोस द्वारा किया जाता है. ब्लोकोस स्थानीय लोगों के इन समूहों को कहा जाता है. ये स्थानीय लोग इस धन्य शहर के कोने-कोने में पार्टी करते हैं और पूरे शहर को खुली हवा वाले नाइट क्लब में तब्दील कर देते हैं. 


इस साल कई शहरों में किया गया समारोह रद्द 


एक तरफ जहां पूरी दुनिया में ब्राजील में होने वाले रियो कार्निवाल को लेकर उत्सुकता बनी हुई है. वहीं दूसरी तरफ इस देश के सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य साओ पाउलो में बाढ़ और भूस्खलन के कारण कार्निवल उत्सव को रद्द कर दिया गया है. इस राज्य के कई शहरों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. भूस्खलन से अब तक 24 लोगों की मौत हो गई है और यह संख्या अभी बढ़ सकती है.


साओ सेबेस्तियाओ के मेयर फेलिपे ऑगस्टो ने बताया कि भूस्खलन में फंसे लोगों के बचाव के लिए बचाव दल कई स्थानों पर जाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. ऑगस्टो ने अपने कई सोशल प्लैटफॉर्म पर इस शहर में व्यापक विनाश के कई वीडियो भी पोस्ट किए हैं. 


साओ पाउलो के एक सरकारी बयान में कहा कि इस क्षेत्र में एक दिन में 600 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज गई है. जो कि एक दिन के हिसाब से ब्राजील में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश में से एक है.




इस त्योहार में शामिल होने दुनियाभर से लाखों लोग ब्राजील आए हैं (फोटो क्रेडिट- ट्विटर/ रियो कार्निवल)


1 दिन के दौरान 687 मिलीमीटर तक बारिश


राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा कि सिर्फ बर्टिओगा में 1 दिन के दौरान 687 मिलीमीटर तक बारिश हुई है. वहां के  गवर्नर तारसीसियो डी फ्रीटास ने सेना से समर्थन का अनुरोध करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में दो हवाई जहाज और बचाव दल भेजे. इसके अलावा उबातुबा, साओ सेबस्टियाओ, इल्हाबेला, कारागुआटाटुबा और बर्टिओगा शहरों के लिए एक सार्वजनिक आपदा आदेश जारी किया गया है.