इस देश ने क्यों बैन कर दिया 'एक्स', लगाए कई गंभीर आरोप
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने के साथ ही इस देश ने एलन मस्क की कंपनी पर लगभग 3.2 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया. इससे पहले एक्स को 24 घंटे के भीतर कानूनी अधिकारी नियुक्त करने की डेडलाइन दी थी.
सोशल मीडिया कंपनी एक्स (पहले ट्विटर) ने ब्राजील में कानूनी अधिकारी की नियुक्ति के लिए मना करने कर दिया, जिसके बाद वहां के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एलेक्जेंडर डि मोरियस ने पूरे देश में एक्स को बैन करने का आदेश जारी किया है. जिस्टिस ने बुधवार (30 अगस्त 2024) को एलन मस्क की इस कंपनी को 24 घंटे के भीतर कानूनी अधिकारी नियुक्त करने की डेडलाइन दी थी. इससे पहले एक्स ने अपने पुराने कानूनी अधिकारी को जेल में डालने की धमकियां मिलने का दावा करते हुए 17 अगस्त को अपना ऑफिस बंद कर दिया था.
18 मिलियन रियाल का जुर्माना भी लगाया
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक्स कंपनी कई महीनों तक कोर्ट के आदेशों को न मानने के कारण जस्टिस डि मोरियस के विवादों में फंसी थी. यह विवाद उन अधिकारियों को हटाने के लिए था, जो देश में तख्तापलट की खबरें और लोकतंत्र को कमजोर करने वाले कंटेंट को बढ़ावा दे रहे थे. ब्राजील के सुप्रीम फेडरल कोर्ट (एसटीएफ) ने शुक्रवार (31 अगस्त 2024) को एक्स को बात न मानने के लिए 18 मिलियन रियाल (लगभग 3.2 मिलियन डॉलर) का जुर्माना भी लगाया.
एक्स ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी की
जज ने फेडरल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि कंपनी कोर्ट के आदेशों को बार-बार, जानबूझकर अनदेखा करती रही, साथ ही लगाए गए जुर्माने को चुकाने के लिए भी राजी नहीं थी. एक्स पर 2024 के नगर निगम चुनावों में ब्राजील के कानूनी प्रणाली को दरकिनार करने और सोशल मीडिया पर एक कानून विहीन क्षेत्र बनाने का आरोप लगा था.
जस्टिस डि मोरियस ने आगे कहा कि एक्स ने अतिवादी समूह और डिजिटल आतंकियों के कार्यों को सरल बनाया है, जिससे नाजी, नस्लीय, फासीवादी, घृणात्मक और लोकतंत्र विरोधी भाषण फैलने में मदद मिली है." ब्राजील के जज ने देश की नेशनल टेलीकम्युनिकेशंस एजेंसी (एनाटेल) को 24 घंटों के भीतर एक्स को ब्लॉक करने का निर्देश भी दिया. एप्पल और गूगल को उनके ऑनलाइन स्टोर्स से एक्स ऐप को हटाने के लिए पांच दिन का समय दिया है.
इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति या कंपनी पर, जो बैन के बाद एक्स तक पहुंचने के लिए वीपीएन जैसे तरीके का उपयोग करती है, उस पर प्रतिदिन 50,000 रियाल (लगभग 10,000 डॉलर) का जुर्माना लगाए जाने का भी आदेश दिया है.