(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Breakthrough Infection: वैक्सीन लगवाने के बाद भी क्या आप संक्रमित हो सकते हैं? जानिए
न्यूयॉर्क की बेसबॉल टीम ‘न्यूयॉर्क यांकीज’ के सदस्य, ओलंपिक में अमेरिका की जिम्नास्ट कारा एकर, ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद उन लोगों में शामिल है, जो टीकाकरण के बाद भी संक्रमित पाए गए हैं.
अगर आपने कोविड-19 टीके की पूरी खुराक ले ली है, तो आपको लग रहा होगा कि आप कोरोना वारयस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षित हो गए., लेकिन दुनियाभर में संक्रमण के बढ़ते मामलों और डेल्टा जैसे अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों को लेकर बढ़ती चिंता के बीच टीकाकरण करा चुके लोगों के संक्रमित पाए जाने या ‘ब्रेकथ्रू’ संक्रमण की रिपोर्टें मिल रही हैं. न्यूयॉर्क की बेसबॉल टीम ‘न्यूयॉर्क यांकीज’ के सदस्य, ओलंपिक में अमेरिका की जिम्नास्ट कारा एकर और ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद उन लोगों में शामिल है, जो टीकाकरण के बाद भी संक्रमित पाए गए हैं.
कोविड-19 के मौजूदा टीके लक्षणों वाले संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी हैं और टीकाकरण के बाद संक्रमण दुर्लभ ही होता है, लेकिन सवाल ये है कि कितना सामान्य एवं खतरनाक हो सकता है? कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होता है. डॉ. जोनास साल्क का पोलियो टीका 80 से 90 प्रतिशत प्रभावी है. अत्यधिक प्रभावी माना जाने वाला खसरे का टीका भी 94 प्रतिशत प्रभावशाली है.
इनकी तुलना में फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए टीके क्लीनिकल परीक्षणों में 94 से 95 प्रतिशत तक प्रभावशाली पाए गए हैं. गौर करने वाली बात है कि टीके के 95 प्रतिशत प्रभावशाली होने का अर्थ ये नहीं है कि टीका 95 प्रतिशत लोगों का बचाव करता है, जबकि अन्य पांच प्रतिशत लोग संक्रमित हो सकते हैं. टीके का प्रभावी होने का मतलब अपेक्षाकृत जोखिम का पता लगाना है.
आपको संक्रमण के संपर्क में आए टीकाकरण करा चुके लोगों के समूह की तुलना बिना टीकाकरण वाले लोगों के समूह से करने की आवश्यकता है. इसके लिए तीन महीने की अध्ययन अवधि पर विचार करें. इस अवधि में टीका नहीं लगवाने वाले 10,000 में से 100 संक्रमित हुए. आपको लगा होगा कि इसी अवधि में टीकाकरण कराने वाले पांच लोग संक्रमित हुए होंगे. य टीका नहीं लगाने वाले संक्रमित हुए 100 लोगों का पांच प्रतिशत है, ना कि 10,000 लोगों के समूह का पांच प्रतिशत.
इन दिनों ‘ब्रेकथ्रू’ संक्रमण का मामला क्यों है चर्चा में
जब लोग टीकाकरण के बाद संक्रमित हो जाते हैं, तो वैज्ञानिक इन मामलों को ‘ब्रेकथ्रू’ संक्रमण कहते हैं क्योंकि वायरस उस सुरक्षात्मक अवरोधक को तोड़ देता है जो टीका प्रदान करता है. पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में कोविड-19 संक्रमण कितना सामान्य है? ब्रेकथ्रू’ संक्रमण डेल्टा स्वरूप के बढ़ते मामले के कारण बढ़ रहा है, लेकिन टीकाकरण करा चुके लोगों में संक्रमण अब भी दुर्लभ है और संक्रमित होने पर भी ऐसे व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण नहीं होते या मामूली होते हैं.
टीकाकरण के बाद भी संक्रमण कितना खतरनाक है?
टीकाकरण के बाद भी संक्रमित होने पर जरूरी नहीं है कि व्यक्ति को बीमारू महसूस हो. वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित होने वाले 27 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे. केवल 10 प्रतिशत लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का पता चला है, जिनमें से दो प्रतिशत की मौत हुई है, जबकि 2020 में टीका विकसित नहीं होने से पहले संक्रमण के कारण छह प्रतिशत लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई थी.
बंद कार्यालयों, पार्टी स्थलों, रेस्तरां या स्टेडियम जैसे स्थानों पर संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा अधिक है. टीकाकरण के बाद उन स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा अधिक है, जो संक्रमित व्यक्तियों के लगातार संपर्क में रहते हैं. इसके वाला बुजुर्गों को भी संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है. जो लोग पहले से ही किसी अन्य बीमारी से पीड़ित होते हैं, उनके भी टीकाकरण के बाद संक्रमित होने की अधिक आशंका है.
डेल्टा जैसे स्वरूपों से क्या बदलाव आता है?
शोधकर्ताओंओं ने कोरोना वायरस के पहले के सभी स्वरूप से लड़ने के लिए टीके विकसित किए हैं. इसके बाद से कई नए स्वरूप उजागर हो चुके हैं. हालांकि मौजूदा टीके लगवा चुके लोगों को इन स्वरूपों से संक्रमित होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम पड़ती है, लेकिन ये टीके पहले के स्वरूपों की तुलना में इन स्वरूपों पर कम प्रभावी है. जन स्वास्थ्य इंग्लैंड ने बताया कि एमआरएनए टीके की दो खुराक पहले के अल्फा स्वरूप पर 89 प्रतिशत प्रभावी है, लेकिन यह डेल्टा स्वरूप पर केवल 79 प्रतिशत असरदार है। इसके अलावा एक खुराक डेल्टा स्वरूप के खिलाफ केवल 35 प्रतिशत प्रभावी है.
टीकाकरण से संक्रमण की रोकथाम में कितनी मदद मिली?
जुलाई 2021 के अंत में अमेरिका में 49.1 प्रतिशत यानी करीब 16 करोड़ 30 लाख लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. देश में 65 साल से अधिक आयु के करीब 90 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है. वैज्ञानिकों के मॉडल बताते हैं कि टीकाकरण ने अमेरिका में लगभग 2,79,000 लोगों की जान बचाई है और जून 2021 के अंत तक 12 लाख लोग अस्पताल में भर्ती होने से बचे हैं. इसी तरह, इंग्लैंड में टीकाकरण के कारण लगभग 30,300 लोगों की जान बची, 46,300 लोग अस्पताल में भर्ती होने से बचे और 81 लाख 50 हजार लोग संक्रमित होने से बच पाने में सक्षम हुए.
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