Brics Group: आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स में शामिल प्रमुख देशों के समूह के लोग तत्पर दिखाई देते हैं. ब्रिक्स देश हर हाल में आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार रहते हैं. आतंकवाद को लेकर ही कॉम्प्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज़्म’ (CCIT) के कॉन्ट्रैक्ट को जल्द ही अंतिम रूप देने को स्वीकार किया. साथ ही ब्रिक्स समूह में शामिल देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने आतंकवाद के खिलाफ चल रहे वैश्विक लड़ाई में ‘‘दोहरे मानदंडों’’ को खारिज कर दिया.
कहां हुई चर्चा?
संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र से अलग ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को बैठक की. ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको फ्रैंक, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य की अंतरराष्ट्रीय संबंधों व सहयोग मंत्री नलेदी पैंडर इस बैठक में शामिल हुईं.
बैठक के बाद जारी एक प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों ने हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा की, चाहे उसे कहीं भी, किसी के भी मदद से अंजाम दिया गया हो. उन्होंने, ‘‘आतंकवाद और अतिवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानदंडों को भी खारिज किया.’’
बैठक में क्या लिया गया फैसला?
‘ब्रिक्स’ समूह में शामिल देशों के मंत्रियों ने ‘कॉम्प्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज़्म’ के मसौदे को शीघ्र अंतिम रूप देने तथा स्वीकार करने और ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ डिसआर्मार्मेंट’ में रासायनिक व जैविक आतंकवाद के काम को रोकने के लिए बहुपक्षीय वार्ता शुरू करने का ऐलान किया.
क्या है ‘कॉम्प्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज़्म’ (CCIT)?
भारत ने पहली बार साल 1996 में संयुक्त राष्ट्र में ‘कॉम्प्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज़्म’ (CCIT) को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट पेश किया था. जो सभी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को करने वालों के खिलाफ और उनके फाइनेंसरों और समर्थकों को धन, हथियार और सुरक्षित पनाहगाह तक पहुंच से वंचित करता है. लेकिन अभी तक यह क्रियान्वित नहीं हो पाया है क्योंकि, सदस्य देशों के बीच आतंकवाद की परिभाषा पर आम सहमति नहीं बन पाई है.
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