इजरायल-हमास जंग को लेकर ब्रिक्स देशों के बीच एक वर्चुअल बैठक की जाएगी. इस बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS) जैसे सदस्य देशों के अलावा उन देशों को आमंत्रित किया गया है कि अगले साल जनवरी में इस समूह का हिस्सा होंगे. इसमें सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, यूथोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. ब्रिक्स की वर्चुअल बैठक की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका करेगा.


वर्चुअल बैठक में सभी सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल होंगे. गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन भी ब्रिक्स की वर्चुअल बैठक में शामिल होंगे, जिन्होंने ब्रिक्स के पिछले शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया था क्योंकि यूक्रेन में युद्ध की वजह से इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने उन्हें युद्ध अपराध का दोषी ठहराया था. 


द हिंदू के मुताबिक, इस बैठक के दौरान जंग को लेकर सभी सदस्य देशों में एक आम सहमति पर विचार किया जाएगा. साउथ अफ्रीका ने बताया कि इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस भी शामिल रहेंगे. बैठक के बाद सभी सदस्य देश एक साझा बयान जारी कर सकते हैं. 


दक्षिण अफ्रीका ने बुलाई बैठक 


इस वक्त साउथ अफ्रीका के जिम्मे ब्रिक्स की अध्यक्षता है. इसलिए ब्रिक्स की बैठक की मेजबानी भी वही कर रहा है. दक्षिण अफ्रीका फिलिस्तीनी मांगों को लेकर हमेशा से मुखर रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस फिलिस्तीनी संघर्ष को अपने रंगभेद के संघर्ष से जोड़ती है. शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में इजरायल के खिलाफ शिकायत करने वाला पांचवा देश बन गया. दक्षिण अफ्रीका के अलावा चीन और रूस भी फिलिस्तीनी से 'सहानूभूति' रखते हैं. 


क्या है ब्रिक्स?


ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक समूह है. इस समूह का मानना है कि वे 2050 तक दुनिया भर की आपूर्ति के सबसे बड़े भागीदार होंगे. एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'निल ने  BRIC शब्द गढ़ा था. साल 2006 में ब्रिक की पहली बैठक हुई थी. तब इस समूह में दक्षिण अफ्रीका के शामिल न होने की वजह से इसे ब्रिक कहा जाता था, साल 2010 में इस समूह में दक्षिण अफ्रीका जुड़ गया तब से इसका नाम ब्रिक्स है. दुनिया के कई देश इस समूह में जुड़ने के लिए उत्सुक हैं. 


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