BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 में रूस के कजान में होने वाले 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं. इस समय दुनिया दो प्रमुख युद्धों से जूझ रही है – एक रूस-यूक्रेन युद्ध और दूसरा इज़राइल-हमास संघर्ष, जिसमें ईरान भी शामिल है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति और उनके शांति-समर्थक दृष्टिकोण पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. BRICS शिखर सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की भागीदारी इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना रही है, खासकर तब जब पीएम मोदी शांति और युद्ध विराम के लिए बार-बार आवाज उठाते रहे हैं.


पीएम मोदी की कूटनीतिक भूमिका
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी BRICS समूह के सदस्य देशों के नेताओं के साथ-साथ निमंत्रण पर आए अन्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. यह सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पहले भी भारत ने वैश्विक मंच पर युद्ध विराम की बात की है और इसे समर्थन दिया है. यह सम्मेलन युद्ध से प्रभावित देशों के लिए एक मंच बन सकता है, जहां पीएम मोदी युद्ध विराम और शांति की बहाली की अपील कर सकते हैं.


युद्ध को रोकने के प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान शांति प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाई है. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से बातचीत की और शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया. इसके अलावा, सितंबर 2023 में न्यूयॉर्क में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने गाजा पट्टी में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की थी. पीएम मोदी का यह कूटनीतिक नजरिया उन्हें एक प्रमुख वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है, जो शांति और स्थिरता के लिए काम करते हैं.


युद्ध विराम पर भारत का नजरिया
भारत ने हमेशा वैश्विक शांति और युद्ध विराम का समर्थन किया है. पीएम मोदी की नीतियों का मुख्य उद्देश्य संघर्षों को समाप्त करना और युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करना रहा है. BRICS शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति इस दिशा में एक और कदम हो सकता है, जहां वह वैश्विक नेताओं से संवाद कर सकते हैं और युद्धग्रस्त देशों में युद्धविराम के लिए अपील कर सकते हैं.


वैश्विक नेतृत्व में भारत की भूमिका
PM मोदी की BRICS शिखर सम्मेलन में उपस्थिति भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है. इसके अलावा यह भी संकेत देती है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. युद्ध और संघर्ष से प्रभावित देशों के बीच शांति की बहाली के लिए पीएम मोदी का दृष्टिकोण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक मिसाल बन सकता है.


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