BRICS Summit 2024 Live: पीएम मोदी-जिनपिंग की मुलाकात आज, पुतिन को मिला भारत आने का न्योता
BRICS Summit 2024 Live: पीएम मोदी ने ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इसके अलावा पीएम ने इस सम्मेलन में पहुंचने वाले अन्य गेस्ट से मुलाकात भी की.
BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने कज़ान एक्सपो सेंटर में ग्रुप फोटो के पोज दिया.
रूस के कज़ान एक्सपो सेंटर में BRICS शिखर सम्मेलन का पूर्ण सत्र शुरू हुआ. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विश्व नेताओं को संबोधित किया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के लिए कजान की यात्रा के दौरान महात्मा गांधी पर लगाई गई एक प्रदर्शनी देखी. प्रदर्शनी में लियो टॉल्स्टॉय के साथ महात्मा के जुड़ाव पर प्रकाश डाला गया. यह प्रदर्शनी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि लियो टॉल्स्टॉय कई वर्षों तक कजान में रहे और अध्ययन किया.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान डिनर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों में ये तीनों नेता काफी खुश नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों से अमेरिका को बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, रूस और चीन को अमेरिका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार (22 अक्टूबर) को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक बुलाई गई. इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी ने आगामी वर्ष में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया. दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. जुलाई 2024 में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को में उनकी पिछली मुलाकात के बाद इस साल पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह दूसरी बैठक थी. पीएम मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त किया. उन्होंने ब्रिक्स की रूसी अध्यक्षता और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने, सतत विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन में सुधारों की वकालत करने के प्रयासों की सराहना की.
भारत और चीन के बीच हुए सीमा समझौते की पुष्टि होने के एक दिन बाद ब्रिक्स समिट से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार (23 अक्टूबर) को द्विपक्षीय वार्ता होगी. पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच पांच साल बाद ये द्विपक्षीय वार्ता होने जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान में ब्रिक्स नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज संगीत समारोह में शामिल हुए.
चाबहार बंदरगाह और INSTC के संबंध पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "यह कुछ समय से चर्चा का विषय रहा है. इसमें कुछ तार्किक मुद्दे शामिल हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सिद्धांत रूप में चाबहार को INSTC से जोड़ने से मिलने वाली उपयोगिता और मूल्य के बारे में कोई सवाल है. यह कुछ ऐसा है जिस पर हमने कई वार्ताकारों के साथ चर्चा की है. इस साल की शुरुआत में ईरान और भारत के बीच चाबहार पर मुख्य अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के बाद, मुझे लगता है कि इस उद्देश्य की ओर आगे बढ़ना बहुत दूर के भविष्य में संभव होगा."
रॉयटर्स के मुताबिक, रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव ने कहा, भारत, चीन और रूस तीनों देश निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ वीजा व्यवस्था को आसान बनाने पर चर्चा करेंगे.
भारत-चीन के बीच एलएसी पर सीमा पर गश्त को लेकर सहमति बनने पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "चर्चा के तहत लंबित क्षेत्रों में, गश्त और चराई गतिविधियां, जहां भी लागू हो, 2020 की स्थिति पर वापस आ जाएंगी. जहां तक पहले हुए विघटन समझौतों का सवाल है, इन चर्चाओं में उन समझौतों को फिर से नहीं खोला गया. कल जो समझौता हुआ, वह उन मुद्दों पर केंद्रित था जो पिछले कुछ वर्षों से लंबित थे."
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के कजान में ब्रिक्स नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री का अगला कार्यक्रम, जो कुछ समय पहले ही समाप्त हुआ, ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ बैठक थी. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पेजेशकियन के बीच सार्थक चर्चा हुई. राष्ट्रपति पेजेशकियन के ईरान के 9वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद यह उनकी पहली बैठक थी. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें उनकी हालिया जीत पर बधाई दी और ईरान के साथ सदियों पुराने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. चर्चा सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों, विशेष रूप से चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर केंद्रित थी, जो क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस संदर्भ में, ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध पर हाल ही में हस्ताक्षर किए जाने से इन क्षेत्रों में सहयोग के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है, जो एक तरह से अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास और मध्य एशिया के देशों के साथ व्यापार, आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण है."
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "दोनों नेताओं (पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन) ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी चर्चा की. पीएम मोदी ने बढ़ते संघर्ष पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और नागरिकों की सुरक्षा और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए भारत के आह्वान को दोहराया. उन्होंने तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता पर जोर दिया. राष्ट्रपति पेजेशकियन ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया और संघर्ष को कम करने में भारत की भूमिका पर भी जोर दिया, क्योंकि सभी पक्षों के साथ उसके अच्छे संबंध हैं. नेताओं के बीच चर्चा का एक और प्रमुख विषय अफगानिस्तान था. दोनों ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता जारी रखने के साथ-साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया. राष्ट्रपति पेजेशकियन ने विशेष रूप से एससीओ और ब्रिक्स दोनों में ईरान के प्रवेश में भारत की भूमिका को स्वीकार किया और दोनों नेताओं ने ब्रिक्स और एससीओ सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों के भीतर अपने सहयोग को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की."
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "भारत के कज़ान के साथ पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं, यह शहर एक प्राचीन व्यापार मार्ग पर स्थित है. होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कज़ान में भारतीय समुदाय के सदस्यों ने किया. स्थानीय इस्कॉन शाखा के सदस्यों ने भी उनका स्वागत करने के लिए संस्कृत मंत्र गाए और रूसी कलाकारों के एक समूह ने इस अवसर पर कथक और गरबा नृत्य प्रस्तुत किया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी पर एक फोटो प्रदर्शनी देखी जिसमें महात्मा और लियो टॉल्स्टॉय के बीच संबंधों को दर्शाया गया था और यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि कज़ान में ही लियो टॉल्स्टॉय ने कई वर्षों तक अध्ययन किया था."
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री का आज का पहला औपचारिक कार्यक्रम 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मेजबान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक थी. दोनों नेताओं ने इस साल जुलाई में मास्को में आयोजित 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा की. दोनों नेताओं के पास व्यापार, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, रक्षा, संपर्क, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक व्यापक एजेंडा था. दोनों नेताओं के बीच आपसी चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने ब्रिक्स से संबंधित कई मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और राष्ट्रपति पुतिन ने कज़ान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से संबंधित दस्तावेजों को अंतिम रूप देने में भारत के रचनात्मक रवैये और योगदान के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की."
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी अपने विचार साझा किए. प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है. उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेनी नेतृत्व के साथ अपने जुड़ाव के बारे में जानकारी दी और कहा कि भारत इस क्षेत्र में शांति लाने में योगदान देने के लिए तैयार है. एक महत्वपूर्ण मुद्दा जो सामने आया वह रूसी सेना में शेष भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा था. चर्चा में दोनों पक्षों ने इस पर चर्चा की और रूसी पक्ष के समर्थन से, हाल के महीनों में कई भारतीय नागरिक भारत लौटने में सक्षम हुए हैं. हम समझते हैं कि वर्तमान में दूतावास रूसी पक्ष के साथ लगभग 20 मामलों पर काम कर रहा है और हमें बहुत उम्मीद है कि इन सभी व्यक्तियों को जल्द से जल्द रिहा किया जा सकेगा और उन्हें बहुत जल्द भारत वापस लाया जा सकेगा. दोनों पक्षों ने चल रहे रक्षा सहयोग पर भी संतोष व्यक्त किया और ऊर्जा सहयोग पर मास्को में रक्षा सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी सहयोग समूह की अगली बैठक जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें भारत और रूस के बीच भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने पर बातचीत चल रही है. इस बात पर सहमति हुई कि परमाणु ऊर्जा विभाग और रूसी एजेंसी रोसाटॉम कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना की शेष इकाइयों की स्थापना के लिए पारस्परिक रूप से सहमत कार्यक्रम का पालन करने के लिए संपर्क में बने रहेंगे."
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी."
पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन से द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. पीएम मोदी का पिछले 10 सालो में रूस का यह सातवां दौरा था. बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की. पीएम ने डायलॉग और डिप्लोमेसी पर जोर दिया. पीएम ने अपनी यूक्रेन दौरे की भी चर्चा की और शांति बहाली पर फोकस किया.
ब्रिक्स समिट के दौरान कजान में ईरान के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की मीटिंग खत्म हो गई है. ये बैठक लगभग 45 मिनट तक चली. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा, "यह अच्छी रही."
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर कज़ान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
चीनी नेता शी जिनपिंग ने मंगलवार को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान "अराजक" दुनिया में रूस के साथ अपने देश के संबंधों की सराहना की. उन्होंने पुतिन से कहा, "दुनिया एक सदी में अभूतपूर्व बदलावों से गुजर रही है और अंतरराष्ट्रीय स्थिति अराजक और आपस में जुड़ी हुई है." उन्होंने दोनों देशों के बीच "गहरी दोस्ती" की प्रशंसा की. शी ने कहा कि चीन और रूस ने "व्यापक रणनीतिक समन्वय और व्यावहारिक सहयोग को लगातार गहरा और विस्तारित किया है." चीनी नेता ने कहा कि संबंधों ने "दोनों देशों के विकास, पुनरोद्धार और आधुनिकीकरण में मजबूत गति प्रदान की है." उन्होंने कहा, "उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समानता और न्याय को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है."
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का अभिवादन किया और कहा कि मॉस्को और बीजिंग के बीच बढ़ता सहयोग दुनिया के लिए स्थिरता का कारक है. रॉयटर्स के मुताबिक, शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय बैठक से पहले रूसी राष्ट्रपति से हाथ मिलाते हुए कहा, “मैं कजान में आकर खुश हूं.”
रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के इतर ईरान के राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके होटल पहुंचे हैं.
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा, "ब्रिक्स का विस्तार हुआ है, इसकी सदस्यता दोगुनी हो गई है. इसमें पहले से ही पांच नए सदस्य हैं. भारत के दृष्टिकोण से यह एक महत्वपूर्ण बैठक है, क्योंकि यह रूस में हो रही है और चीन के मोर्चे पर बहुत महत्वपूर्ण विकास हुआ है."
यूएन में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि और पूर्व ब्रिक्स शेरपा, टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा, "मुझे लगता है कि ब्रिक्स में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि ब्रिक्स खुद एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है. इसलिए भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जो हम अभी निभा सकते हैं, वह यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स पश्चिम विरोधी समूह न बन जाए. यह एक गैर-पश्चिम समूह है, लेकिन इसे पश्चिम विरोधी समूह नहीं बनना चाहिए क्योंकि दुनिया के बाकी हिस्सों में अन्य चीजें चल रही हैं. इसलिए मुझे लगता है कि भारत अपने योगदान के माध्यम से यह सुनिश्चित करने के लिए स्थिर भूमिका निभा सकता है और हमने यूक्रेन में वह भूमिका निभाई है. मुझे लगता है कि हमारे डिजिटल कौशल और हमारे UPI की बदौलत, मुझे लगता है कि हमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है."
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने मंगलवार को कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बातचीत के दौरान रूस को "मूल्यवान सहयोगी" और मित्र बताया. रामफोसा ने कहा, "हम अभी भी रूस को एक मूल्यवान सहयोगी और मित्र मानते हैं, जिसने रंगभेद के खिलाफ हमारे संघर्ष के दिनों से लेकर आज तक हमारा साथ दिया है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति पुतिन के साथ शानदार बैठक हुई. भारत-रूस संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं. बातचीत में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कजान में 16वें ब्रिक्स 2024 शिखर सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स की अध्यक्षता करने के लिए रूस की सराहना की और शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं ने जुलाई 2024 में मॉस्को में अपनी पिछली बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों की प्रगति पर विशेष ध्यान देते हुए भारत-रूस संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की. उन्होंने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक दूसरे से मिले तो पीएम मोदी के साथ मिलने वाली वाली गर्मजोशी नहीं दिखी. जहां राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी से मिले तो दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया, जबकि इस मुलाकात में सिर्फ हाथ मिलाए गए.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आज मंगलवार (22 अक्टूबर) को शाम 7 बजकर 30 मिनट पर भारत और ईरान की द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है. ये बातचीत रूस के कजान शहर में संभव है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का संकेत देते हुए कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली के बीच संबंध "विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त" हैं और "गतिशील रूप से विकसित हो रहे हैं". बैठक में रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी बिना अनुवाद के उनकी टिप्पणियों को समझ लेंगे क्योंकि दोनों देशों के बीच "मजबूत" संबंध हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि कजान में स्वागत के लिए आभारी हूं. भारतीय समुदाय ने अपनी उपलब्धियों से पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता भी उतनी ही खुशी देने वाली है.
भारत-चीन के बीच एलएसी पर सीमा गश्त पर समझौते पर पहुंचने पर नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने कहा, "हम सभी खुश हैं. ये राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. किसी भी तरह के समझौते पर पहुंचना बहुत आसान नहीं है क्योंकि इसमें विचार, धारणाएं, भावनात्मक मुद्दे, भूमि संबंधी मुद्दे, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार शामिल हैं. किसी तरह का समझौता हुआ है और हम सभी खुश हैं."
ब्रिक्स समिट से पहले भारत-चीन के बीच एलएसी पर सीमा गश्त पर समझौते पर पहुंचने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "जैसा कि मैंने अभी कहा, चीन और भारत ने प्रासंगिक सीमा मुद्दों पर कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से निकट संचार बनाए रखा है. दोनों पक्ष समाधान पर पहुंच गए हैं. आगे बढ़ते हुए, चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा."
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछले तीन महीनों में रूस की मेरी दो यात्राएं हमारे घनिष्ठ समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाती हैं. जुलाई में मॉस्को में हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलन ने हर क्षेत्र में हमारे सहयोग को मजबूत किया है. 15 वर्षों में ब्रिक्स ने अपनी विशेष पहचान बनाई है और अब दुनिया के कई देश इससे जुड़ना चाहते हैं. मैं कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर मैं लगातार आपके संपर्क में रहा हूं. जैसा कि मैंने पहले कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. हम शांति और स्थिरता की शीघ्र स्थापना का पूरा समर्थन करते हैं. हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है. भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है."
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर लगातार आपके संपर्क में रहा हूं. जैसा कि मैंने पहले कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. हम शांति और स्थिरता की शीघ्र स्थापना का पूरा समर्थन करते हैं. हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है. भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "अंतर-सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होनी है. हमारी परियोजनाएं लगातार विकसित हो रही हैं. आपने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है. हम इसका स्वागत करते हैं. हमारे सहयोग को भारत की नीतियों से लाभ मिलेगा. हम आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुश हैं."
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर कजान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. बैठक से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी का गले लगाकर स्वागत किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "मुझे याद है कि जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर बहुत अच्छी चर्चा हुई थी. हमने कई बार टेलीफोन पर भी बात की थी. कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं. आज हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और उसके बाद रात्रिभोज करेंगे. आज अन्य नेताओं के साथ आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हमें कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए."
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं आपकी मित्रता, गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान जैसे खूबसूरत शहर में आने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं. कजान में भारत के नए दूतावास के खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे."
ब्रिक्स समिट के लिए कजान पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की बैठक आधे घंटे के लिए टल गई है, अब बैठक शाम 4 बजे होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए इसे प्रमुख वैश्विक विकासात्मक मुद्दों पर बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया. मास्को से लगभग 900 किलोमीटर दूर कजान की अपनी दो दिवसीय यात्रा से पहले एक बयान में उन्होंने पिछले साल ब्रिक्स के विस्तार के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि इसने समूह की समावेशिता और वैश्विक एजेंडे को बढ़ाया है.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा भारत और रूस के बीच "विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" को मजबूत करेगी, वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जुलाई में मास्को की उनकी यात्रा के बाद, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की.
रूस की सरकारी मीडिया TASS के मुताबिक, 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन शाम को सभी नेताओं के लिए एक दोस्ताना रात्रिभोज के साथ शुरू होगा. TASS ने बताया, "आज रूसी राष्ट्रपति भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी से बात करेंगे. नेताओं के बीच कई विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है."
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान पहुंचे. वह प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि, दोनों पक्षों की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है.
भगवान कृष्ण को समर्पित इस भजन ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया, जिसमें दोनों देशों के बीच आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत के लिए साझा प्रशंसा को दर्शाया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने में इस तरह के इशारों के महत्व को स्वीकार किया.
रूसी नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को कजान की यात्रा के दौरान कृष्ण भजन गाकर स्वागत किया. वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान के एक होटल पहुंचे, जहां रूसी नागरिकों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक भावपूर्ण प्रदर्शन के साथ उनका स्वागत किया.
पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत में अपनी टीम के साथ भारतीय नृत्य करने वाली एक रूसी कलाकार ने कहा कि हम बहुत नर्वस थे और उत्सुक भी थे. हमने इस डांस परफॉर्मेंस के लिए करीब तीन महीने तक प्रैक्टिस की थी. रूसी कलाकार ने कहा कि लोग पीएम मोदी को सच में बहुत पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने हम सभी की तारीफ की.
कजान में पीएम मोदी के स्वागत में रूसी समुदाय के लोगों ने कृष्ण भजन गाकर किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के हेरिटेज सिटी कजान पहुंच चुके हैं. उनके वहां पहुंचने पर तातारस्तान गणराज्य के प्रमुख रुस्तम मिन्निखानोव ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
बैकग्राउंड
BRICS Summit 2024 Live Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने मंगलवार (22 अक्टूबर 2024) को रूस के कजान पहुंचे. वह सुबह करीब 7:40 बजे भारत से निकले थे. उनका विमान दोपहर करीब डेढ़ बजे कजान में लैंड हुआ.
कजान पहुंचने पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. वे रूस की अध्यक्षता में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिन तक रूस में रहेंगे. प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और चीन के साथ बुधवार (23 अक्टूबर) को द्विपक्षीय बातचीत होगी. वर्ष 2024 में मोदी की यह दूसरी रूस यात्रा है, इससे पहले जुलाई में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वह मॉस्को गए थे.
पुतिन से हुई मुलाकात
पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आज द्विपक्षीय बैठक की. इसमें दोनों देशों के बच अलग-अलग मुद्दों पर बात हुई. दूसरी तरफ चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस की अध्यक्षता में हो रहे इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंचे और राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बैठक की पहले कोई पुष्टि नहीं की गई थी लेकिन आज विदेश सचिव मिसरी ने आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -