BRICS Summit 2024 : रूस के शहर कजान मे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. जिसमें ब्रिक्स ग्रुप के मुख्य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) के साथ कई अन्य देशों ने शिरकत की. इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को ब्रिक्स देशों की मीटिंग के बीच में रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में लगातार बढ़ रहे संघर्ष आदि को लेकर बड़ा बयान दिया है.


ब्रिक्स देशों की मीटिंग में क्या बोले शी जिनपिंग


सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों के बीच हुई बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ग्लोबल साउथ के मुद्दे को उठाया. इसके साथ ही जिनपिंग ने लंबे समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में लगातार बढ़ रहे संघर्ष को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. इसके अलावा उन्होंने ब्रिक्स देशों में आर्थिक सहयोग को गहरा करने की बात पर जोर देते हुए कहा, “अंतरराष्ट्रीय वित्तीय आर्किटेक्चर में सुधार करने की जरूरत और भी ज्यादा जरूरी होती जा रही है.”


लेबनान व गाजा में युद्ध विराम का किया आह्वान


इस दौरान शी जिनपिंग ने लंबे समय से चल रहे युद्ध पर विराम लगाने की बात करते हुए कहा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को जल्द से जल्द कम करने और युद्धक्षेत्र का और अधिक विस्तार नहीं करने पर सभी को जोर देना चाहिए.


वहीं, गाजा और लेबनान में भी युद्धविराम को लेकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आह्वान किया है. युद्धविराम पर जोर देते हुए जिनपिंग ने कहा कि दुनिया अब एक अशांत परिवर्तन के नए दौर में प्रवेश कर चुकी है. इसमें हमें शांतिपूर्ण तरीके से ब्रिक्स बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए ब्रिक्स देशों को आर्थिक सहयोग को और गहरा करने की जरूरत है. हमें ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को बुलंदी के साथ उठाने की जरूरत है.


ब्रिक्स देश के नेताओं ने पुतिन से की चर्चा


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अन्य ब्रिक्स ग्रुप में शामिल नेताओं ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन युद्ध को लेकर गहन चर्चा की है. इस दौरान कहा गया कि ब्रिक्स ग्रुप में दुनिया की 45 प्रतिशत जनसंख्या औऱ 35 प्रतिशत अर्थव्यवस्था का हिस्सा सम्मिलित है.


भारतीय प्रधानमंत्री ने कही ये बात


ब्रिक्स की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जारी युद्ध और संघर्ष पर विराम लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि, “आज दुनिया के सामने युद्ध और संघर्ष के साथ कई अन्य जटिल समस्याएं हैं. जिनसे निपटने में ब्रिक्स अपनी भूमिका निभा सकता है.”