पहले BRIC के नाम से जाना जाता था BRICS! 3 बार भारत भी कर चुका है मेजबानी, जानें इसकी पूरी कहानी
BRICS Summit 2024: ब्रिक्स समिट से पहले राष्ट्रपति पुतिन इसके भविष्य को लेकर काफी उत्साहित थे. उन्होंने पीएम मोदी का हवाला देते हुए कहा कि ये ग्रुप नॉन-वेस्टर्न है, लेकिन एंटी वेस्टर्न नहीं.
What Is BRICS: मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के बाद रूस की तीसरी राजधानी कहे जाने वाले कजान को ब्रिक्स देशों के नेताओं के स्वागत के लिए सजाया गया है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की बैठक में न केवल ब्रिक्स नेताओं, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, यूएई और मेजबान रूस की उपस्थिति होगी, बल्कि आमंत्रित देश भी शामिल होंगे. शहर में लगभग 20 विश्व नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है.
ब्रिक्स एक ऐसा समूह है जो दुनिया की 45% आबादी, दुनिया के 33% भूभाग और दुनिया की 28% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है. BRICS को पहले BRIC नाम से जाना जाता था. इसकी स्थापना 2006 में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई. पहले ब्रिक शिखर सम्मेलन का आयोजन 2009 में रूस के येकाटिर्नबर्ग शहर में हुई थी.
ब्रिक कैसे बन गया ब्रिक्स?
2010 में न्यूयार्क में ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक में ब्रिक को विस्तार देने का फ़ैसला लिया गया और दक्षिण अफ़्रीका को मिलाकर यह ब्रिक्स बन गया. दक्षिण अफ़्रीका ने पहली बार 2011 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. 2011 के ब्रिक्स के विस्तार के 13 साल बाद 2024 में इसे एक और विस्तार दिया गया. 5 अन्य देशों को इसमें शामिल किया गया. इजिप्ट, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात. सऊदी अरब का अभी पूरी तरह से शामिल होना बाकी है.
कितनी है ब्रिक्स की ताकत?
10 देशों के इस समूह के देशों की अगर जनसंख्या देखें तो यह दुनिया की जनसंख्या का 45 फीसदी है और दुनिया की अर्थव्यवस्था का 28.5 फीसदी. आप इन्हीं आंकड़ों से ब्रिक्स की ताकत का अंदाजा लगा सकते हैं. रूस से पहले अब तक कुल 15 BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन हो चुका है.
कितनी बार और कहां-कहां हुआ ब्रिक्स सम्मेलन
सबसे पहला ब्रिक्स सम्मेलन 2009 में रूस में हुआ था. इसके बाद 2010 में ब्राजील, 2011 में चीन, 2012 में भारत, 2013 में दक्षिण अफ्रीका, 2014 में ब्राजील, 2015 में रूस, 2016 में भारत, 2017 में चीन, 2018 में दक्षिण अफ्रीका, 2019 में ब्राजील, 2020 में रूस, 2021 में भारत, 2022 में चीन, 2023 में दक्षिण अफ्रीका और इस साल 2024 में फिर से रूस में इसका आयोजन हो रहा है.
किन मुद्दों पर की जाती है चर्चा?
ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग के मुद्दों पर लीडर्स समिट में चर्चा की जाती है. इसके अलावा व्यावहारिक सहयोग पर सदस्य देशों के अधिकारी बैठकों में चर्चा करते हैं. ख़ास तौर पर बिजनेस, फाइनेंस, हेल्थ, एजूकेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फार्मिंग, पर्यावरण, ऊर्जा, लेबर, एंटी करप्शन और एंटी ड्रग्स जैसे मुद्दों पर.
ब्रिक्स में भारत का रोल
भारत ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन 2021 में किया था. 2021 में भारत ने 4 प्रमुख प्राथमिकता ब्रिक्स के समक्ष रखी थी.
- Multilateral सिस्टम में सुधार.
- काउंटर टेररिज़्म में सहयोग.
- SDGs के लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीक का प्रयोग.
- People to People सहयोग को बढ़ावा देना.
भारत ने जब 2021 में पीएम मोदी की अगुवाई में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया तो ब्रिक्स के लिए भारत ने कई ऐसी पहल की, जो कि इस समूह के लिए पहली बार था.
- ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ समिट.
- ब्रिक्स जल मंत्री मीटिंग.
- ब्रिक्स काउंटर टेररिज़्म प्लान की घोषणा.
- ग्रीन टूरिज़्म के लिए ब्रिक्स अलायंस की घोषणा.
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कज़ान शहर में हो रहा है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की अध्यक्षता में यह समिट हो रही है. रूस ब्रिक्स की थीम है- वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मज़बूत करना. भारत ने हमेशा से ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है, ताकि ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ को और सशक्त किया जा सके.
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