नई दिल्ली: भूटान में भारत के बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के जरिए बनाया जा रहा है एक नवनिर्माण पुल गिरने से तीन मजदूरों की मौत हो गई और छह मजदूर लापता हैं. भूटान के प्रधानमंत्री ने घटना पर शोक जताते हुए लापता मजदूरों के जल्द पता लगाने की कामना की है. बीआरओ दंतक-प्रोजेक्ट के तहत भूटान में सड़कें और पुल बनाने का काम करती है.


जानकारी के मुताबिक भूटान के हा शहर और डमचू के बीच बीआरओ वांगचू ब्रिज का निर्माण कर रही थी. ब्रिज लगभग बनकर तैयार था, लेकिन मंगलवार को ये पुल अचानक गिर गया. पुल के निर्माणकार्य में लगे 9 लोग इस हादसे की चपेट में आ गए. राहत कार्यों के बाद 3 मजूदरों के शवों को निकाल लिया गया, लेकिन 6 मजदूर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.


भूटान के पीएम ने किया ट्वीट


भूटान के प्रधानमंत्री लोते सेरिंग ने घटना की जानकारी देते हुए देर शाम ट्वीट किया, 'आज दिन की समाप्ति डेमचू-हा सड़क पर वांगचू पुल के गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण खबर के साथ हो रही है. खोए हुए जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं और उम्मीद करता हूं कि
हम सभी लापता व्यक्तियों को सुरक्षित और स्वस्थ ढूंढ निकाल पाएं. मेरे विचार मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर कबीर कश्यप और सभी बचावकर्मियों के नेतृत्व वाले दंतक-दल के साथ हैं.' हालांकि, अभी तक न तो बीआरओ और न ही रक्षा मंत्रालय का इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान सामने आया है.


बता दें कि भूटान के हा-शहर से ही चीन सीमा से सटे विवादित इलाके डोकलाम के लिए रास्ता जाता है. हा में ही भारतीय सेना का भूटान की रॉयल आर्मी के लिए ट्रेनिंग सेंटर, इमट्राट यानि इंडियन मिलिट्री ट्रेनिंग टीम सेंटर है. भारत में सीमावर्ती सड़कें, टनल और ब्रिज बनाने वाली सैन्य संस्था बीआरओ प्रोजेक्ट दंतक के तहत भूटान में भी सड़क, ब्रिज, एयरपोर्ट और हेलीपैड बनाने का काम करती है. 50 के दशक के बाद से ही बीआरओ भूटान में इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में जुटी है. माना जा रहा है कि अब तक बीआरओ भूटान में डेढ़ हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा सड़कों का जाल बिछा चुकी है.


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