सर्वे में खुलासा- कोरोना की चुनौती से निपटने में अमेरिका और ब्रिटेन का प्रदर्शन खराब
अमेरिका और ब्रिटेन ने कोरोना महामारी का ठीक ढंग से सामना नहीं किया.विकसित देशों की सरकार के प्रदर्शन पर प्यू रिसर्च सेंटर ने सर्वे किया था.
कोरोना वायरस महामारी से निबटने में ब्रिटेन और अमेरिका का खराब प्रदर्शन रहा है. एक सर्वे में बताया गया है कि अन्य विकसित देशों की तुलना में डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन की सरकार ने महामारी का ठीक ढंग से सामना नहीं किया. 46 फीसद ब्रिटेन वासी और 47 फीसद अमेरिकी नागरिक मानते हैं कि उनकी सरकार ने महामारी का सामना ठीक तरीके से किया. उसके मुकाबले 95 फीसद डेनमार्क के लोगों ने अपनी सरकार की चुनौती का सामना अच्छे तरीके से करने पर प्रशंसा की.
लॉकडाउन नहीं लगाने के बावजूद 71 फीसद डेनमार्क के लोगों ने सरकार के विवादास्पद दृष्टिकोण को सराहा. वाशिंगटन के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे में ये बात सामने आई है. उसने 14 विकसित देशों के 14 हजार नागरिकों का इंटरव्यू कर सर्वे रिपोर्ट तैयार की. जिन लोगों ने सरकार के पक्ष में भरोसा जताया उनकी तादाद सरकार के ठीक तरीके से न संभाल पाने के आलोचकों की तुलना में ज्यादा थी.
कोविड से निबटने में विकसित देशों की भूमिका पर सवाल
खराब हो चुकी अर्थव्यवस्था वाले सभी देशों के लोगों ने नकारात्मक राय दी. लॉकडाउन के कारण मंदी की चपेट में आ चुके ब्रिटेन के लोगों ने भी महामारी से निबटने के लिए सरकार के तरीके को ठीक नहीं माना. शोधकर्ताओं ने 10 जून और 3 अगस्त के बीच लोगों की राय टेलीफोन पर ली. उन्होंने सर्वे में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदलैंड्स, स्पैन, स्वीडन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को शामिल किया. नागरकिों से कोविड-19 की समस्या से निबटने में सरकार की भूमिका को लेकर सवाल पूछे गए थे.
सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा देशों के लोगों ने महामारी से निबटने में सरकार के प्रयास को अच्छा बताया. सिर्फ 27 फीसद लोगों ने कहा कि उनकी सरकार ने महामारी का मुकाबला खराब तरीके से किया. कोविड-19 की चुनौती का सामना करने में सराहनीय भूमिका निभानेवालों की श्रेणी में डेनमार्क को सबसे ऊपर रखा गया. 95 फीसद लोगों ने सरकार की पहल का समर्थन किया जबकि ऑस्ट्रेलिया 94 फीसद के साथ दूसरे नंबर पर रहा. वहीं सर्वे में तीसरे नंबर पर कनाडा के 89 फीसद लोग सरकार के साथ दिखे. लेकिन ब्रिटेन की ज्यादातर आबादी करीब 54 फीसद सरकार के प्रयास से खुश नहीं दिखी. वहीं अमेरिकी नागरिकों की करीब 52 फीसद आबादी ने डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के प्रदर्शन को खराब कहा.
सर्वे में बताया गया ब्रिटेन और अमेरिका का खराब प्रदर्शन
सर्वे में शामिल हर दस में से छह अमेरिकी ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों को कम किया जा सकता था. उन्होंने इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप के महामारी के प्रति उदासीन रवैये को जिम्मेदार ठहाराया. शोधकर्ताओं के मुताबिक डाटा से लोगों के राजनीतिक झुकाव का भी पता चलता है. अमेरिका और ब्रिटेन में सबसे ज्यादा लोगों का सियासी ध्रुवीकरण सामने आया.
दक्षिणपंथी रुजहान रखनेवाले 55 फीसद ब्रिटेन के लोग बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव सरकार को पॉजिटिव रेटिंग दी. जबकि वामपंथी रुजहान रखनेवाले 26 फीसद नागरिकों के भी दक्षिणपंथियों जैसे विचार थे. उसी तरह अमेरिका में 76 फीसद रिपब्लिकन या रिपब्लिकन समर्थकों ने ट्रंप प्रशासन के बारे में कहा कि उसने चुनौती का अच्छे से मुकाबला किया. एक तिहाई डेमोक्रेट्स और डेमोक्रेट्स के हामियों ने सरकारी प्रयास का समर्थन किया. ग्लासगो के राजनीतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन कर्टाइस ने कहा, "इसका कोई मतलब नहीं है कि आप क्या सवाल कर रहे हैं."
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