Britain Election 2024 : मंदिर में जाना और बार-बार हिंदू व भारतीय शब्द का इस्तेमाल करना भी ऋषि सुनक के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा. ब्रिटेन में 4 जुलाई को वोटिंग से पहले ही सुनक को झटका लगा है. अब उनके ऊपर हार का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. इसके पीछे का बड़ा कारण भी भारतीय हैं. सर्वे में खुलासा हुआ है कि 65 प्रतिशत भारतीय ऋषि सुनक की पार्टी को वोट देना नहीं चाहते. YouGov की रिपोर्ट के मुताबिक, 65% भारतीय वोटर सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ हो चुके हैं.
ब्रिटेन में लगभग 25 लाख भारतीय है ऐसे हैं, जो वोट के लिए योग्य हैं. सर्वे में शामिल भारतीय लोगों का आरोप है कि प्रधानमंत्री सुनक ने डेढ़ साल के कार्यकाल में उनके लिए कुछ नहीं किया. कुछ अच्छा करने के बजाय वीजा नियमों को और कड़ा कर दिया. महंगाई और रोजगार के मुद्दों पर भी सुनक ठोस कदम नहीं उठा पाए. रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि सुनक की पार्टी कुछ और ही सोचकर बैठी थी, लेकिन अभी स्थिति उसके उलट दिख रही है. रणनीतिकारों का मानना था कि सुनक के भारतीय मूल के होने के कारण यहां के भारतीयों का झुकाव उनकी तरफ होगा, लेकिन सुनक अब इसमें असफल दिख रहे हैं.
अभी तक के सर्वे में हार रहे हैं ऋषि सुनक
द इकोनोमिस्ट के सर्वे में सुनक की पार्टी को केवल 117 सीटें मिलने का अनुमान . सावंता-गार्जियन के सर्वे में तो कंजर्वेटिव पार्टी को 53 सीटों पर ही सिमटा दिया है, जबकि 2019 के चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को 365 सीटें मिली थीं. 650 सीटों वाले सदन में कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 516 सीटें मिलने का अनुमान है. 326 सीटों पर ब्रिटेन में सरकार बन जाती है.
इन सीटों पर भारतीय वोटरों का बोलबाला
ब्रिटेन में वैसे तो कई सदनों की मिलाकर टोटल 650 सीटों पर चुनाव होगा, लेकिन इनमें से 50 सीटें ऐसी हैं जहां भारतीय वोटरों का बोलबाला है. 15 सीटें जैसे लेस्टर, बर्मिंघम, कॉन्वेंट्री, साउथ हॉल और हैरॉस में तो भारतीय मूल के उम्मीदवार ही पिछले 2 चुनाव से जीत दर्ज कर रहे हैं. इन सीटों पर इस बार कंजर्वेटिव पार्टी के प्रति भारतीय वोटरों में गुस्सा है. यहां लेबर पार्टी के उम्मीदवारों को अच्छा समर्थन मिल रहा है. अभी इन 15 सीटों में से 12 सीटें कंजर्वेटिव के पास हैं. पिछले 5 साल में 83 हजार 468 भारतीयों ने भारत की नागरिकता को छोड़कर ब्रिटेन की नागरिकता ली है,तो उसका भी इस बार चुनाव में काफी योगदान रहेगा.