Britain Election Result 2024 : भारत में पिछले महीने ही लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आए. एग्जिट पोल और राजनीतिक विश्लेषक बीजेपी को भारी बहुमत मिलने की उम्मीदें जता रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारत में जितने भी सेफोलॉजिस्ट थे, उन सभी की भविष्यवाणी फेल साबित हुई. भारत में प्रशांत किशोर और योगेंद्र यादव को चुनावी रणनीतिकार माना जाता है. अब ब्रिटेन में चुनाव के परिणाम आए हैं. वहां भी कई सेफोलॉजिस्ट की भविष्यवाणी सच साबित होते दिख रही है. जॉन कर्टिस को ब्रिटेन का पोलिंग गुरु माना जाता है. वह जो भी अनुमान जताते हैं, लगभग ब्रिटेन की राजनीति में उसी तरह के परिणाम आते हैं. अभी हुए चुनावों को लेकर उन्होंने ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को लेकर भी भविष्याणी की थी. उनका कहना है कि इस बार के चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार बनने के केवल एक प्रतिशत ही चांस हैं. उन्होंने कहा था कि ऋषि सुनक को अगले आम चुनाव में कंजर्वेटिवों की जीत की संभावना मात्र 1 प्रतिशत लग रही है. जॉन कर्टिस ने कहा कि इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि वे भयावह चुनाव परिणामों को बदल सकेंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसा हुआ तो लेबर पार्टी सरकार बनाने की स्थिति रहेगी. 


जॉन कर्टिस ने कहा था सुनक की हार होगी, हार हुई
ब्रिटेन के राजनीतिक गुरु ने कहा था कि आगामी आम चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी की हार होगी. अब वैसा ही होता दिख रहा है. लेबर पार्टी जीत रही है और कंजर्वेटिव हार रही है. उन्होंने ये भी कहा था कि ऋषि सुनक अपनी पार्टी की किस्मत बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकते.ब्रिटेन में जो गड़बड़ियां हुई हैं, उसके लिए सुनक के पूर्ववर्तियों को दोषी ठहराया जाना चाहिए, जबकि सुनक का कार्यकाल छोटा रहा है. प्रोफेसर जॉन कर्टिस ने कहा कि आम चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी 50-150 सीटों के बीच जीत हासिल करेगी. कुछ गलतियां हैं, जिनके लिए सुनक को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और उम्मीद है कि लेबर पार्टी आगामी हाउस ऑफ कॉमन्स चुनावों में पूरी तरह से जीत हासिल करेगी .


एग्जिट पोल में भी हार रही थी सुनक की पार्टी
एग्जिट पोल के आंकड़े भी बता रहे थे कि लेबर पार्टी 650 सीटों वाली संसद में 410 सीटें जीतेगी, जिससे कंजर्वेटिव नेतृत्व वाली 14 साल की सरकार इस बार धराशायी हो जाएगी. अब तक की काउंटिंग से तो ऐसा ही लग रहा है. अनुमान है कि सुनक की पार्टी को केवल 131 सीटें मिलेंगी, जबकि पहले कंजर्वेटिव पार्टी को 346 सीटें मिली थीं. इस बार कंजर्वेटिव की इस हालत के पीछे पार्टी के अंदर चल रही लड़ाई बताई जा रही है.