Britain Election Result 2024: कीर स्टार्मर कश्मीर पर क्या सोचते हैं जान लीजिए, भारत को लेकर कैसा है रुख?
Britain Election Result 2024: ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को लेबर पार्टी ने 14 साल बाद ब्रिटेन की सत्ता से बाहर कर दिया है. लेबर पार्टी 400 के आंकड़े को छूती दिख रही है
Britain Election Result 2024: ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को लेबर पार्टी ने 14 साल बाद ब्रिटेन की सत्ता से बाहर कर दिया है. ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है. यूके में बहुमत के लिए 326 सीटें जीतना जरूरी होता है. अभी तक के रुझानों में लेबर पार्टी 400 के आंकड़े को छूती दिख रही है. मतलब कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. नई सरकार और नए प्रधानमंत्री के आने से विदेश नीति पर भी असर होगा. भारत को लेकर भी इस बार रुख बदल सकता है.
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव अभियान में कीर स्टार्मर ब्रिटिश भारतीयों के साथ भारत को भी लुभाने की कोशिश करते दिखे थे. स्टार्मर ने लेबर और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की बात कही और सरकार बनाने पर भारत के साथ एक मजबूत साझेदारी पर जोर दिया. वैसे तो लेबर पार्टी ने आजादी के दौरान भी भारत का समर्थन किया था, लेकिन बीच-बीच में पार्टी की पॉलिसी बदलती रहीं. 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर लेबर पार्टी ने भारत की आलोचना भी की थी. हाालांकि, अब स्टार्मर का रुख थोड़ा बदलता दिख रहा है. कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में पार्टी के रुख में बदलाव का उन्होंने संकेत दिया.
चुनाव प्रचार में भारत को लेकर दिखा बदलाव
ब्रिटेन में चुनाव प्रचार के दौरान स्टार्मर ने काफी हद तक भारत की ओर अपना झुकाव दिखाया. उन्होंने लेबर पार्टी के भीतर भारत विरोधी भावनाओं को खत्म करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, इसलिए वह भारतीय मूल के मतदाताओं का समर्थन पा सके. स्टार्मर ने कहा कि वह यूके और भारत के बीच विश्वास को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लेबर के भीतर किसी भी अतिवादी विचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो यूके-भारत संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है. चुनाव प्रचार के दौरान स्टार्मर ने लंदन में एक हिंदू मंदिर की यात्रा के दौरान भारत के साथ एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी बनाने की बात पर जोर दिया.
दोनों नेता गए थे मंदिर
प्रचार के लिए कीर स्टार्मर और ऋषि सुनक भी स्वामीनारायण के मंदिर में पूजा करने गए थे, वहां उन्होंने हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी, लेकिन सुनक हिंदू समुदाय से होने के बावजूद इसमें विफल दिखे. वह भारतवंशी लोगों को वोट के लिए अपनी ओर नहीं कर पाए.