Britain Election Result 2024: ब्रिटेन में ऋषि सुनक ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. अब लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनेंगे. ब्रिटेन में 650 सीटों में से सरकार बनाने के लिए 326 सीटें लानी जरूरी होती हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है. यह आंकड़ा लेबर पार्टी ने हासिल कर दिया है. किसी भी देश की सरकार बदलती है तो उसके अपने एजेंडे होते हैं, ब्रिटेन में नई सरकार बनने से भारत के ऊपर भी असर पड़ेगा.
एक्सपर्ट कहते हैं कि यूके में लेबर पार्टी की जीत का भारत पर असर हो सकता है. अब यूके के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में देरी हो सकती है. साथ ही आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों के लिए वीजा पर भी सख्ती हो सकती है. अगर इतिहास देखें तो वीजा को लेकर लेबर पार्टी का रवैया सख्त ही रहा है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है. वहीं, कार्बन टैक्स के प्रस्ताव में नरमी भी मुश्किल नजर आ रही है, क्योंकि यूरोप के साथ यूके भी कार्बन टैक्स के पक्ष में है. लेबर पार्टी कार्बन टैक्स में रियायत के पक्ष में नहीं है.
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए कड़ी मेहनत की है. दोनों नेताओं ने पिछले साल नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में FTA पर बातचीत पर सहमति जताई थी, लेकिन चुनाव की वजह से यह डील फाइनल नहीं हो पाई थी. अब ब्रिटेन में सरकार बदलने से यह ठंडे बस्ते में जा सकती है.
ये हैं हार के बड़े कारण
ब्रिटेन में महंगाई दर कम होने के बाद भी मजदूरी में गिरावट आई.खाद्य कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे जनता में असंतोष फैला. साल 2016 के ब्रेक्जिट जनमत संग्रह के बाद से ब्रिटेन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार घोटालों का भी सामना करना पड़ा. कोविड-19 प्रतिबंधों के दौरान पार्टीगेट जैसे विवाद भी इसमें शामिल हैं, जिस कारण बोरिस जॉनसन को पीएम पद छोड़ना पड़ा था. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कई नीतियों को लेकर लोग नाराज थे.
उन्होंने अवैध अप्रवासन को अपना पसंदीदा मुद्दा बना लिया. लोगों का मानना था कि यह उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से भटकाने की कोशिश थी. बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों को रवांडा भेजने की उनकी नीति को कई ब्रिटिश नागरिकों ने अमानवीय माना है. ब्रिटेन जो कोरोना के बाद से ही एक आर्थिक संकट और महंगाई देख रहा है, वहां विपक्षी लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने आर्थिक विकास का वादा किया. जनता से किए स्टार्मर के कई वादे भी ऋषि सुनक की हार का कारण बन गए.