नई दिल्ली: ब्रिटेन में पूर्वी रूसी राजदूत और उनकी बेटी को नर्व एजेंट के जरिए मारने की रूसी कोशिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ब्रिटेन ने रूस पर ये आरोप लगाया है कि उसने ब्रिटने के शहर सेलीसबरी में अपने पूर्व जासूस को मारने की कोशिश की. अब इस घटना पर कड़ा रुख अखतियार करते हुए ब्रिटेन ने 23 राजनयिकों को निष्काषित करने का फैसला किया है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे का कड़ा रुख इसे लेकर काफी सख्त है.


आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के खात्मे यानी 1991 के बाद रूस और ब्रिटेन के बीच ऐसी तल्खी कभी नहीं देखी गई.

बात 4 मार्च की है जब रूस के पूर्व एजेंट सर्गेइ स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया पर हुए हमले ने उन्हें गंभीर हालत में पहुंचा दिया था. इसी घटना में एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से बीमार हो गया था. इस घटना के बाद ब्रिटेन और रूस के रिश्ते में दूरियां बढ़ गई हैं. साथ ही ब्रिटेन ने उच्च स्तर पर रूस के साथ संपर्क खत्म कर लिया है.


रूस ने जिस जासूस को मरवाने की योजना बनाई थी वो एक अघोषित रूसी जासूस था. इस मामले पर ब्रिटेन के अधिकारी जोनाथन एलेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि इन हथियारों को युद्ध में इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. अमेरिकी राजदूत निकी हैली ने भी ब्रिटेन का समर्थन किया हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजनयिक वेस्ली नेबेनज़ियाने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और उलटा ब्रिटेन को पुख्ता सबूत पेश करने को कहा है.


ब्रिटेन का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने सर्मथन किया है. संयुक्त बयान में कहा, "दूसरे विश्व यूद्ध के बाद यूरोप में नर्व एजेंट के इस्तेमाल का यह पहला मामला है." इन नेताओं ने आगे कहा, "ब्रिटेन की संप्रभुता पर हमला है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है." गौरतलब है कि वियना संधि के मुताबिक, इस तरह के रासायनिक हथियार का इस्तेमाल को प्रतिबंध कर रखा है.


आपको बता दें कि साल के आखिर में रूस में फीफा विश्व कप होने है. इस आयोजन में शामिल होने के लिए रूस ने पीएम थेरेसा को निमंत्रण भी भेजा था. मगर उन्होंने इस विश्वकप के आयोजन में शरीक होने से मना कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा, शाही परिवार का भी कोई सदस्य इस आयोजन में नहीं शरीक होगा.